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महिलाएं ला रहीं बदलाव : मोदी

नई दिल्ली, 28 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश में सकारात्मक बदलाव लाने में महिलाओं का बड़ा योगदान है और इसलिए कहा जा सकता है कि नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं है।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोदी ने कहा कि आत्मिक सुधार के लिए अनवरत प्रयासरत रहना भारतीय समाज की विशेषता है और सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लगातार कोशिशें जारी रहती हैं।

मोदी ने अपने कार्यक्रम में काफी देर तक विभिन्न क्षेत्रों में अतीत और वर्तमान में महिलाओं उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास इच्छाशक्ति, मजबूत इरादा और दृढ़संकल्प है तो उसके लिए ‘कुछ भी असंभव नहीं है’।

मोदी ने स्कंद पुराण से एक श्लोक का उद्धरण दिया, जिसमें कहा गया है कि एक बेटी 10 बेटों के बराबर है। उन्होंने कहा, जो पुण्य आप 10 बेटों से प्राप्त करते हैं, वह हमें केवल एक बेटी से प्राप्त होता है। यह हमारे समाज में महिलाओं को दिए गए महत्व को रेखांकित करता है। यही कारण है कि हमारे समाज में महिलाओं को शक्ति का दर्जा दिया जाता है।

मोदी ने इस मौके पर अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को भी याद किया। उन्होंने कहा, उनका जीवन, उनका काम युवा महिलाओं, खासकर भारत की महिलाओं के लिए एक संदेश है कि ‘नारी शक्ति की बुलंदियों की कोई सीमा नहीं है।

उन्होंने कहा, इस नारी शक्ति ने एकता के सूत्र में समाज और परिवार को एक साथ बांधा है। फिर चाहे वे वैदिक काल की विदुषियों का ज्ञान हो, नारी शक्ति ने हमेशा हमें प्रेरित किया है।

गार्गी, मैत्रेयी, मीराबाई, अहिल्याबाई होलकर और रानी लक्ष्मीबाई का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने ( महिलाओं) हमेशा देश को गौरवान्वित किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में नारियों के प्रति सम्मान, समाज में उनका दर्जा और उनका योगदान प्राचीन काल से ही दुनिया के लिए प्रेरणादायी हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और मील के पत्थर स्थापित कर रही हैं। उन्होंने दुनिया का चक्कर लगाने वाली लड़ाकू विमान की पायलट भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का जिक्र किया।

मोदी ने बताया कि मुंबई में माटुंगा देश का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसका पूरा प्रबंधन महिलाओं के हाथ में है।

उन्होंने गणतंत्र दिवस पर बीएसएफ महिला दल द्वारा साहसी स्टंटों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र की महिलाओं ने ई-रिक्शा चलाकर खुद को आत्मनिर्भर किया है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की महिलाओं के एक समूह से मुलाकात का जिक्र किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में प्रथम आने वाली महिलाएं शामिल थीं।

उन्होंने बताया कि उन महिलाओं की प्रेरक जीवनी को संकलित कर एक किताब का रूप दिया गया है, जिससे पूरे देश के लोग प्रेरणा ग्रहण लेंगे।

मोदी ने पद्म पुरस्कार विजेताओं की सराहना करते हुए कहा कि इनमें से कई ने बिना किसी सिफारिश के स्वयं को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि कोई भी इस पुरस्कार के लिए किसी को नामांकित कर सकता है।

मोदी के अनुसार, चयन प्रक्रिया में अब पारदर्शिता है। आम लोगों को पुरस्कार मिल रहे हैं। ऐसे लोग जो समाचार पत्रों, टीवी में नहीं दिखते हैं।

कर्नाटक के सितावा जोडत्ती और केरल के लक्ष्मीकुट्टी की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि कई प्रतिभाशाली महिलाएं और पुरुष हैं, जिन्हें समाज में अकसर कोई पहचानता नहीं है और पहचान न मिलना समाज का नुकसान है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा दिखाया गया शांति का मार्ग प्रत्येक व्यक्ति, परिवार और समाज के लिए है।

सरकार के जन आयुध केंद्रों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि 3,000 से अधिक केंद्रों पर उपलब्ध दवाएं बाजार में मौजूद ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत सस्ती हैं।

उन्होंने कहा, इस कदम के पीछे का एकमात्र उद्देश्य गरीबों के लिए गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

उन्होंने महाराष्ट्र के अकोला शहर के उन हजारों लोगों के प्रयासों की सराहना की, जो लगातार मोरना नदी को साफ करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, आंदोलनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बड़े सामाजिक सुधार किए जा सकते हैं। यह अन्य नागरिकों को भी प्रेरित करेगा।

मोदी ने विश्व की सबसे लंबी मानव श्रंखला बनाने के लिए बिहार सरकार के प्रयासों की सराहना की। इस श्रंखला की लंबाई 1,3000 किलोमीटर थी और यह प्रदेश में सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध तैयार की गई थी।

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