‘पद्मावत’ पर स्वरा ने भंसाली को लताड़ा, कहा– महिलाओं के पास वजाइना के अलावा भी बहुत कुछ है
स्वरा ने खुला लेटर लिख भंसाली को लिया निशाने पर, कहा– महिलाओं के पास वजाइना के अलावा भी बहुत कुछ है
बॉलिवुड ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर अपनी एक्टिंग के अलावा अपने तीखे बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर वह अपने ऐसे ही एक बयान के कारण चर्चाओं में हैं। इस बार उनके निशाने पर फिल्म ‘पद्मावत’ के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली हैं।
दरअसल, स्वरा ने भंसाली को ओपन लेटर लिखा है। लेटर के मजमून की शुरुआत में स्वरा ने भंसाली की काफी तारीफ की है। उन्होंने एक विडियो भी पोस्ट किया है जिसमें वह फिल्म के खिलाफ हो रहे विरोध को लेकर भंसाली का समर्थन करती दिख रही हैं।
पत्र के बाद वाले अंश में स्वरा भास्कर ने संजय लीला भंसाली से अपनी नाराजगी का इजहार भी किया है। उनको इस बात पर ऐतराज है कि भंसाली ने फिल्म में महिलाओं को ‘वजाइना’ के तौर पर ही सीमित कर दिया है। दरअसल, फिल्म के आखिर में रानी पद्मावती खुद को रेप यानी इज्जत लुटने से बचाने की खातिर खुद को आग के हवाले कर देत हैं। इस पर स्वरा ने कुछ सवाल या यूं कहें कि कुछ बिंदु उठाए हैं। उन्होंने लिखा-
1. सर, महिलाओं को रेप का शिकार होने के अलावा जिंदा रहने का भी हक है।
2. आप पुरुष का मतलब जो भी समझते हों- पति, रक्षक, मालिक, महिलाओं की सेक्शुअलिटी तय करने वाले…उनकी मौत के बावजूद महिलाओं को जीवित रहने का हक है।’
3. महिलाएं चलती-फिरती वजाइना नहीं हैं।
4. हां, महिलाओं के पास यह अंग होता है लेकिन उनके पास और भी बहुत कुछ है। इसलिए लोगों की पूरी जिंदगी वजाइना पर केंद्रित, इस पर नियंत्रण करते हुए, इसकी हिफाजत करते हुए, इसकी पवित्रता बरकरार रखते हुए नहीं बीतनी चाहिए।’
5. वजाइना के बाहर भी एक जिंदगी है। रेप के बाद भी एक जिंदगी है।
ऐसे ही कुछ और पॉइंट्स भी अपने लेटर में स्वरा ने लिखे हैं। उनका आरोप है कि भंसाली की फिल्म ऑनर किलिंग, जौहर, सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं का महिमामंडन करती हैं। स्वरा यह भी मानती हैं कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है लेकिन वह कहती हैं कि फिल्म की शुरुआत में सिर्फ सती और जौहर प्रथा के खिलाफ डिस्क्लेमर दिखाकर निंदा कर देने से कुछ नहीं होता। इसके आगे तो तीन घंटे तक राजपूतों की आन, बान और शान का महिमामंडन ही चलता है।