डीबीटी से 65000 करोड़ रुपये की बचत हुई : अमिताभ कांत
नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)| सरकार की विभिन्न योजना का लाभ सीधे लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित करने से सरकार को करीब 65 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह जानकारी शनिवार को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यहां एक किताब विमोचन समारोह के दौरान दी। बिबेक देबरॉय और किशोर अरुण देसाई द्वारा संपादित पुस्तक ‘ऑन द ट्रेल ऑफ द ब्लैक’ के विमोचन के अवसर पर अभिताभ कांत ने कहा, सरकार की सभी योजनाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) से जोड़ देना चाहिए, अन्यथा भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में करीब 300 स्कीमों में डीबीटी को अमल में लाया गया है। जिससे तकरीबन 41 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।
देश में कारोबारी सुगमता यानी इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मसले पर कांत ने कहा कि सरकार ने लगभग 1,200 पुराने कानून को समाप्त कर दिए हैं, जो प्रासंगिक नहीं थे। उन्होंने कहा कि व्यवसाय की प्रक्रियाओं को और सरलीकृत करने की जरूरत है। मसलन, सरकारी फॉर्मो को कम करके एक पृष्ठ का बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, कोई भी फॉर्म एक पृष्ठ से ज्यादा का नहीं हो और कोई नियम भी दो पृष्ठों से ज्यादा का नहीं हो। साथ ही कोई कानून तीन पृष्ठ से अधिक का नहीं हो।
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाह परिषद के प्रमुख बिबेक देबरॉय ने भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम की खामियों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, अब तक लंबित भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम में समस्या यह है कि इसमें गलत मंशा अर्थात बदनीयत के लिए पर्याप्त सजा का प्रावधान नहीं है। साथ ही, सक्षम निर्णयकर्ता की सुरक्षा को लेकर भी कोई जिक्र नहीं है।