जींस-शर्ट पहन सत्यजीत रे से पहली बार मिलने पहुंचीं शबाना तो खीझ पड़ रे
कोलकाता। वरिष्ठ अभिनेत्री शबाना आजमी ने भारतीय फिल्मकार सत्यजीत रे की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे रे की सभी फिल्मों में काम करना पसंद करतीं। टाटा स्टील कोकलाता साहित्य सम्मेलन में रे की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी (1977) के एक सत्र के दौरान आजमी ने कहा, उनकी हर फिल्म.. वे जिसका भी प्रस्ताव देते।
मुंशी प्रेमचंद की एक लघुकथा पर आधारित उस फिल्म में खुद भी अभिनेत्री रहीं शबाना आजमी ने कहा कि फिल्मी करियर की शुरुआत में ही सत्यजीत रे का प्रस्ताव मिलने से वे अभिभूत हो गई थीं।
उन्होंने कहा, मैं अभिभूत हो गई थी कि महान सत्यजीत रे ने आखिरकार मुझे कोई प्रस्ताव दिया। मैंने फोन रख दिया और वापस उठा लिया और फिर रख दिया जिससे मुझे यह विश्वास हो कि सत्यजीत मुझसे बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, उस वक्त मैं युवा थी। मैंने फिल्म उद्योग में प्रवेश किया ही था और मैं कहूंगी कि फिल्म की प्रष्ठभूमि के अलावा मुझे फिल्म की कहानी तक नहीं पता थी क्योंकि उस समय प्रेमचंद श्रद्धेय थे। इसलिए मैं फिल्म में काम कर रही हूं इस बात पर मैंने सिर्फ तीन दिन ध्यान दिया।
सिनेमा में रे की कुशलता के बारे में बात करते हुए आजमी ने कहा कि रे ने किताब के भाव को बिना बदले फिल्म का अंत किताब से अलग कर दिया। रे के साथ अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए आजमी ने कहा कि उनके सुझाव और विचारों से वह मंत्रमुग्ध हो गई थीं।
उन्होंने कहा, शूटिंग के पहले दिन मैं जींस और टीशर्ट पहन कर स्टूडियो पहुंची। रे ने मेरा हाथ झटक कर कहा कि अपने परिधान में आओ। उसके बाद हम बात करेंगे। उन्होंने कहा, उसके बाद मैं अपने परिधान में आई। मैंने महसूस किया कि मुझे एक विशेष तरीके से बैठना था जिस कारण उस परिधान की जरूरत थी।