राष्ट्रीय

बिहार में ‘पद्मावत’ पर शांति व्यवस्था बनी रहेगी : मुख्य सचिव

पटना, 25 जनवरी (आईएएनएस)| संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ के खिलाफ बिहार के कई स्थानों पर गुरुवार को भी प्रदर्शन जारी रहा। पटना सहित राज्य के कई शहरों के सिनेमाघरों में यह बहुप्रतीक्षित फिल्म नहीं दिखाए जाने से दर्शक निराश दिखे, लेकिन कुछ सिनेमाघरों में यह फिल्म दिखाई गई। इस बीच, राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन होगा और राज्य में विधि व्यवस्था बनी रहेगी।

बिहार के मुख्य सचिव ने यहां गुरुवार को कहा कि सर्वोच्च न्ययायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने फिल्म को लेकर जगह-जगह हो रहे विरोध प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि फिल्म बिहार में भी चलेगी और ‘लॉ एंड आर्डर’ का पालन किया जाएगा।

इधर, पटना के एक अधिकारी ने बताया कि पटना के किसी भी सिनेमाघर में ‘पद्मावत’ नहीं दिखाई जा रही है। पटना के एक सिनेमा हॉल के मालिक ने हंगामे और विरोध के डर से फिल्म रिलीज होने के पहले दिन इस फिल्म को न दिखाने का निर्णय लिया। कई सिनेमा हॉलों में दर्शकों द्वारा अग्रिम की गई बुकिंग के पैसे भी लौटाते दिखे।

पटना के सिनेपोलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ‘पद्मावत’ का कोई भी शो गुरुवार को नहीं दिखाया जा रहा है। पहले से चल रहीं फिल्में ही दिखाई जा रही हैं। कुछ सिनेमा हॉलों में ‘पद्मावत’ न दिखाए जाने की बजाप्ता सूचना लगा दी गई है।

इस बीच, ‘पद्मावत’ के विरोध में करणी सेना और विभिन्न संगठनों का प्रदर्शन जारी है। बिहार के पूर्वी चंपाराण जिला मुख्यालय मोतिहारी में करणी सेना और सवर्ण सेना के सदस्यों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और सड़क जाम की।

इधर, पटना, बाढ़ और नालंदा के हिलसा में भी करणी सेना और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के सदस्यों ने इस फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया। पटना के बोरिंग रोड और मोना सिनेमा के सामने कई संगठनों ने फिल्म को लेकर प्रदर्शन किया। इस बीच बिहार के नालंदा सहित कई स्थानों के सिनेमाघरों में दर्शकों ने शांतिपूर्वक ‘पद्मावत’ देखी और फिल्म की सराहना की।

मुजफ्फरपुर में फिल्म ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन को लेकर करणी सेना ने जमकर हंगामा कर जगह-जगह प्रदर्शन किया। सदस्यों ने कई जगह आगजनी कर राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। करणी सेना के बवाल के कारण जिले के सिनेमाघरों में यह फिल्म नहीं दिखाई जा रही है।

सीतामढ़ी, हाजीपुर, भोजपुर सहित कई स्थानों पर भी विभिन्न हिंदूवादी संगठनों के सदस्य सड़कों पर उतरे और ‘पद्मावत’ का विरोध किया।

जिन सिनेमाघरों में दर्शकों ने यह फिल्म देखी, उन्होंने इसकी खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं है। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सड़कों पर अपनी ‘ताकत’ दिखाने का मौका चाहिए था, इसलिए करणी सेना के रूप में वह अपना हिंसक रूप दिखाकर देश के अल्पसंख्यकों को डराना चाहता है। यह तमाशा राजपूत वोट पक्का करने का उनका एक तरीका है, क्योंकि इसी साल आठ राज्यों में चुनाव होना है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close