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तेजस्वी ने नीतीश को फिर ‘पलटीमार’ कहा, जद (यू) ने किया बचाव

पटना, 25 जनवरी (आईएएनएस)| बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुरुवार को एकबार फिर बिहार के मुख्यमंत्री को ‘पलटीमार’ कहते हुए निशाना साधा। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी ने कहा है कि अब जद (यू) के नेताओं को लालू प्रसाद के सिवाय कुछ भी बोलने के लिए नहीं है। इधर, जद (यू) ने भी तेजस्वी पर पलटवार करते हुए काव्यात्मक शैली में इसे उनके सत्ता जाने की लाचारगी बता रहा है।

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को पलटीमाार कहते हुए ट्वीट कर लिखा, श्रीमान पलटीमार ने एक और पलटी लेते हुए कहा कि उन्होंने नंदन गांव की घटना में पुलिस महानिदेशक को सभी को छोड़ने को कहा है। दो हफ्तों की लंबी चुपी तोड़ तेजस्वी के दौरे के बाद ही यह बात क्यों बतानी पड़ी? गजब है! जब फंसते हैं, तो ये अचानक ऐसे ही यू-टर्न मारते हैं। हम ऐसे ही घुटने टेकने को मजबूर करते रहेंगे।

तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, नीतीश हत्या करेंगे और दूसरों का ध्यान भटकाने के लिए कहेंगे अरे, देखो लालू प्रसाद भ्रष्ट है। नीतीश कुमार, खुद नैतिक, सामाजिक और राजनीतिक भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह हैं। इनका कोई स्टैंड है क्या? लालू यादव के सिवाय इनके पास बोलने के लिए कुछ है ही नहीं और ना ही कुछ बचा है!

इसके जवाब में जद (यू) ने भी पलटवार किया है। जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने काव्यात्मक शैली में सवाल करते हुए ट्वीट कर लिखा, तू रोज परखता रहता है? यह सत्ता जाने की लाचारगी है या संपत्ति जमा करने की कोई नई तरकीब!

नीरज ने तेजस्वी को जवाब देते हुए कहा, अब यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि लालू प्रसाद भ्रष्ट हैं। पूरा देश यह जानता है।

उन्होंने तेजस्वी को सलाह देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री पर हत्या का मामला दर्ज है, तो देश में कानून है, क्यों नहीं वे (तेजस्वी) इस मामले को लेकर अदालत के दरवाजे जा रहे हैं?

उन्होंने लालू के जेल में रहने पर तंज कसते हुए आगे कहा, सच, जिस राज्य में सत्ता के शीर्ष पर 15 साल तक रहने वाला व्यक्ति आज अदालत के सामने सजा कम करने के लिए गिड़गिड़ा रहा हो, उसको जानने और समझने के लिए तो अब व्यक्ति और दल की बात छोड़िए, सीबीआई और अदालत भी कोशिश कर रही है।

तेजस्वी ने एक अन्य ट्वीट में अपने विचारों को अडिग बताते हुए लिखा, नीतीश कुमार की ‘ए, बी, सी, डी’ वाली राजनीति से हमारी ‘क, ख, ग, घ’ वाली राजनीति लाख गुना सही है। हम आपकी तरह जमीर, नीति, सिद्धांत और विचार बेचकर मौकापरस्त राजनीति नहीं करते। अंतरात्मा बाबू। हमारा विचार अडिग है। हम फासीवाद से डरकर आपकी तरह पलटी नहीं मारते, बल्कि लड़ते हैं।

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