मप्र : 150 चिकित्सा छात्रों ने समायोजित करने की मांग को लेकर दिया धरना
भोपाल, 24 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के 150 चिकित्सा छात्र अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन छात्रों का नीट 2017 में चयन हुआ, सभी ने निजी चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिला लिया। लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय की मान्यता रद्द कर दी। सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित छात्रों को दूसरे महाविद्यालय में समायोजित करने का निर्देश दिया, लेकिन सरकार उस पर अमल नहीं कर रही है। प्रभावित छात्रों ने लिली चौराहे के करीब स्थित नीलम पार्क में बुधवार को धरना दिया। छात्रों ने कहा कि महाविद्यालय की मान्यता रद्द किए जाने के बाद उनकी ओर से याचिका दायर की गई, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने 150 छात्रों को अन्य महाविद्यालय में समायोजित करने का आदेश दिया।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने एमसीआई से मार्गदर्शन के लिए कहा।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एक बयान जारी कर कहा कि डीएमई ने सर्वोच्च न्यायालय से 18 जनवरी को एक सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन एक सप्ताह का समय बीत जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं लिया गया।
छात्रों के मुताबिक, इसी तरह का मामला पंजाब के चिकित्सा महाविद्यालय का था, तो वहां के छात्रों को तुरंत दाखिला दूसरे महाविद्यालय में दे दिया गया।
वहीं, मध्य प्रदेश के अधिकारी टालमटोल करने में लगे हैं। इससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। छात्रों की मांग है कि राज्य सरकार उनके भविष्य से मजाक न करे, बल्कि जल्दी फैसला ले।