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‘राम नाम’ लिखा 10 किलो का पत्‍थर यमुना में तैरता दिखा

 

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में ऐसी घटना सामने आई है जिसे जानकर भगवान श्री राम के प्रति आपकी आस्‍था गहरी हो जाएगी। जी हां, धर्मग्रंथों में आपने पढ़ा–सुना ही होगा कि त्रेता युग में वानर सेना में शामिल नल और नील ने समुद्र में राम नाम लिखे डाले थे, जो पानी में तैरने लगे थे।

इन्‍हीं राम नाम लिखे पत्‍थरों के सहारे ही पूरी वानर सेना ने लंका तक पुल बना डाला था। ये सब हुआ था राम नाम लिखे पत्‍थरों की वजह से।

ऐसा ही एक चौंका देने वाला मामला घाटमपुर सजेती के मउनखत गांव के पास से गुजरने वाली यमुना नदी में देखने को मिला। यहां यमुना नदी में राम नाम लिखा तैरता हुआ पत्थर दिखा तो लोगों की आंखें फटी रह गई।

चमत्‍कार दिखने के नाम पर आस-पास के गांव में रहने वाले लोगों की भीड़ लग गई। इसे जिसने देखा वह बिना हैरान हुए नहीं रह सका। इस इलाके के लोगों में अब राम नाम की आस्था और भी ज्यादा प्रबल हो गई है।

जानकारी के अनुसार कल्लू निषाद सुबह जमुना नदी में मछलियां पकड़ने गए थे। तभी विपरीत धारा की तरफ से राम नाम लिखा आठ से 10 किलो का लगभग एक डेढ़ फुट लंबा चौड़ा पत्थर तैरता हुआ चला आ रहा था, यह देखकर पहले तो कल्लू को विश्वास ही नहीं हुआ। दोबारा उसने उस पत्थर को उठाकर नाव में रख लिया और पत्थर को नदी के किनारे पर रख दिया। साथ ही साथ कल्लू ने इस बात की जानकारी गांव के लोगों को दी।

दोबारा नदी में डाला तो पत्थर फिर से तैरने लगा पहले तो ग्रामीणों ने कल्लू निषाद की बात पर यकीन नहीं किया लेकिन जब ग्रामीणों ने राम नाम लिखा हुआ पत्थर दोबारा नदी में डाला तो पत्थर फिर से तैरने लगा।

ये देख धीर-धीरे लोगों का तांता पत्थर के दर्शन पाने के लिए लगना शुरू हो गया। हालांकि लोगों की माने तो राम नाम लिखा हुआ पत्थर नदी के किनारे पास में ही हनुमान बाबा जी के मंदिर में रखवाया गया है, जहां लोगों ने मंदिर में रखे पत्थर की पूजा–अर्चना शुरू कर दी है जो आस्था का केंद्र बन गया है।

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