अन्तर्राष्ट्रीय

भारतीय नौसेना के जहाज से महिला टीम पहुंची फॉकलैंड

पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड द्वीप), 22 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय नौसेना का समुद्री जहाज आईएनएसवी तारिणी ने अपने पूर्ण महिला दल के साथ 18 जनवरी को केप ऑफ हार्न को पार करने के बाद सोमवार को फॉकलैंड द्वीप के पोर्ट स्टेनली में प्रवेश किया।

यह जहाज अपनी पहली जलयात्रा पर दुनिया का परिभ्रमण करने के लिए निकला है। यह पोर्ट स्टेनली से चार फरवरी को रवाना होगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, जहाज और चालक दल ने प्रशांत महासागर की अपनी 41 दिनों की यात्रा के दौरान खराब मौसम और तेज हवाओं का अनुभव किया।

खराब मौसम और तेज हवाओं ने इस क्षेत्र में अति ठंडी जलवायु परिस्थितियां उत्पन्न कर दी, जिससे पार पाना भारतीय नौसेना चालक दल के लिए एक मुश्किल काम साबित हुआ। इस दौरान दल ने 60 समुद्री मील की रफ्तार से चली हवाएं और 7 मीटर तक की तरंगों से अधिक का अनुभव किया।

देश में निर्मित आईएएनएसवी तारिणी एक 56 फीट का समुद्री जहाज है, जिसे इस साल की शुरुआत में ही भारतीय नौैसेना को सौंपा गया है और इसे मेक इन इंडिया अभियान के तहत निर्मित किया गया है।

‘नाविका सागर परिक्रमा’ नामक अभियान, राष्ट्रीय नीति के अनुरूप है, ताकि महिलाओं को सशक्त किया जा सके और वे अपनी पूरी क्षमता हासिल कर सकें। इसका उद्देश्य विश्व मंच पर ‘नारी शक्ति’ का प्रदर्शन करना और चुनौतीपूर्ण माहौल में उनकी भागीदारी की श्यता बढ़ाना है।

इसके अलावा अभियान का मकसद भारत में महिलाओं के प्रति सामाजिक रुख और मानसिकता में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है।

जहाज, जल यात्रा को पूरा कर अप्रैल 2018 में गोवा वापस लौटेगा।

अभियान में पांच चरणों को कवर किया गया है, जहां वह चार बंदरगाहों पर रुकेगा। जिसमें फ्रीमेंटल (ऑस्ट्रेलिया), लिटलटन (न्यूजीलैंड), पोर्ट स्टेनली (फॉकलैंड), केप टाउन (द.अफ्रीका) शामिल है।

फिलहाल जहाज ने अपनी यात्रा के पांच में से तीन पड़ावों को पार कर लिया है, जिसमें पिछले साल अक्टूबर में पहले ऑस्ट्रेलिया का फ्रीमेंटल और नवंबर में न्यूजीलैंड का लिटलटन शामिल है।

जहाज की अगुवाई लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने की है। चालक दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, पी. स्वाती और लेफ्टिनेंट एस. विजया देवी, बी. ऐश्वर्या और पायल गुप्ता शामिल हैं।

आईएनएसवी तारिणी को गोवा से 10 सितंबर 2017 को हरी झंडी दिखाई गई थी और इसने करीब 15 हजार समुद्री मील को कवर किया है।

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