केरल : विधायकों के खिलाफ मामले वापस लेने की विजयन की योजना का विरोध
तिरुवनंतपुरम, 21 जनवरी (आईएएनएस)| केरल विधानसभा में वर्ष 2015 में गुंडागर्दी करने वाले छह विधायकों के खिलाफ चल रहे मामले को वापस लेने की मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद रविवार को इस कदम का विरोध तेज हो गया।
विजयन ने संबंधित विभागों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है।
13 मार्च, 2015 को तत्कालीन वित्तमंत्री के.एम. मणि वित्त वर्ष के लिए बजट पेश कर रहे थे, जब माकपा के नेतृत्व वाले विपक्ष ने मणि का विरोध किया कि उन्होंने कथित तौर पर बार मालिक से रिश्वत ली है, इसलिए उन्हें बजट पेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
विधानसभा में उस दिन बहुत हंगामा हुआ था। गुस्साए वाम विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी आसन से नीचे फेंक दी और माइक्रोफोन क्षतिग्रस्त कर दिया था। उस दिन करीब छह लाख रुपये का नुकसान हुआ था।
तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष एन. सकथन ने अपराध शाखा से जांच करने के लिए कहा। जांच में पाया गया कि मौजूदा स्थानीय स्वशासन मंत्री के.टी. जलील, माकपा विधायक ई.पी. जयराजन एवं के अजित के अलावा माकपा के चार पूर्व विधायकों ने हंगामा किया था।
पूर्व विधायक वी. शिवकुट्टी ने विजयन से मामले को वापस लेने के लिए कहा। उन्होंने रविवार को मीडिया को बताया कि एक मामले के लिए दो सजा नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष, जिन्हें निष्पक्ष रूप से कार्य करना चाहिए था, उन्होंने सरकार की एक कठपुतली के रूप में कार्य किया। उन्होंने पहले हमें निलंबित किया और फिर पुलिस में मामला दर्ज करा दिया।
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री के.सी. जोसेफ ने कहा कि अगर विजयन मामले को वापस लेते हैं तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
जोसेफ ने कहा, हम इस मामले को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। कानून आम आदमी और विधायक सबके लिए एक समान है।
पूर्व विधायक एंटनी राजू ने कहा कि मामले वापस लेने की परंपरा में कुछ भी नया नहीं है।
विधानसभा का सत्र सोमवार से शुरू होगा और सदन में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन हो सकता है।