वीटी स्टेशन को संग्रहालय बनाने में अड़चनें
नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)| प्रतिष्ठित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) को संग्रहालय बनाने की भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना बंद हो सकती है।
भारतीय राष्ट्रीय कला एवं संस्कृत विरासत संघ (इंटेक) के मुम्बई खंड द्वारा जारी एक रपट के मुताबिक इस योजना में कई परेशानियां हैं। यहां तक कि रेलवे के भीतर भी कुछ लोग इसका विरोध कर सकते हैं।
ब्रिटिश वास्तुकार फ्रेडरिक विलियम स्टीवेंस द्वारा डिजाइन की गई यह इमारत 129 वर्ष पुरानी है। पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से मशहूर यह इमारत वर्तमान में मध्य रेलवे का मुख्यालय है।
रेलवे विभाग ने यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल मुम्बई की इस एक मात्र इमारत को कला संग्रहालय में बदलकर मध्य रेलवे के मुख्यालय को शहर में अन्य कहीं स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भेजा था।
इंटेक के मुम्बई कार्यालय द्वारा पिछले सप्ताह मध्य रेलवे में जमा की गई एक रपट के अनुसार, विश्व विरासत सूची में शामिल इमारतों में हस्तक्षेप करने के मामले में यूनेस्को बहुत सख्त है। सबसे पहले यूनेस्को को इस सम्बंध में पत्र लिखकर जानकारी देकर उन्हें इसका कारण बताया जाता है।
रेल विभाग ने बताया कि इंटेक के मुम्बई कार्यालय से प्रस्तावित संग्रहालय परियोजना पर एक रपट मांगी गई थी, जो उन्होंने जमा कर दी है।
रपट के अनुसार, यूनेस्को विशेषज्ञ द्वारा तैयार की गई रपट (हेरिटेज इंपेक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट) मांगता है, जिसमें संरक्षित इमारत पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन किया गया हो। इसके लिए मुम्बई विरासत संरक्षण कमेटी (एमएचसीसी) से अनुमति लेने के लिए भी संपर्क किया गया है।
रेलवे के भीतर ही एक वर्ग मध्य रेलवे का मुख्यालय स्थानांतरित करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे विभाग पर इस परियोजना से लगभग 153 करोड़ रुपये का भार बढ़ जाएगा। संग्रहालय के लिए 68 करोड़ रुपये और नए मुख्यालय के लिए 85 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया जा रहा है।
यूनेस्को और एमएचसीसी के अलावा विभिन्न रेलवे यूनियन भी इस परियोजना के खिलाफ हैं। वे मुख्यालय को कहीं और ले जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। इस इमारत को 2004 में विश्व विरासत का दर्जा मिला था।
यूनेस्को की अनुमति के बिना इस परियोजना की दिशा में कोई भी कदम उठाने पर इससे विश्व विरासत का दर्जा छीना जा सकता है।
अभी भी अपने पुराने वीटी नाम से प्रसिद्ध इस स्टेशन से प्रतिदिन लगभग 30 लाख लोग आते-जाते हैं। इस इमारत में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक कार्यालय समेत लगभग 400 कर्मियों के कार्यालय भी हैं।
रेलवे प्रशासन फिलहाल बजट के लिए प्रस्ताव तैयार करने में व्यस्त हैं। परियोजना को शुरू करने की दिशा में अगला कदम जल्द ही उठाया जाएगा। यह स्पष्ट है कि इंटेक की रपट मिलने के बाद अबतक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।