अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद में चर्चा के दौरान जाधव मुद्दा उठाया

संयुक्त राष्ट्र, 20 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान कुलभूषण जाधव का मुद्दा उठाया, जिसे पाकिस्तान सरकार ने कथित भारतीय जासूस बताते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने अफगानिस्तान पर परिषद की बैठक के दौरान कहा, जो लोग आतंकवाद को लेकर मानसिकता बदलने की बात करते हैं, उन्हें मेरे देश के खिलाफ विनाश का अपना रिकॉर्ड देखने की जरूरत है। पकड़े गए एक भारतीय जासूस की गिरफ्तारी से यह साफ है और इस पर कोई संशय भी नहीं है।

हालांकि, मलीहा ने यहां किसी के नाम का उल्लेख नहीं किया।

उनका यह बयान अफगानिस्तान पर परिषद की बैठक में भारत के बयान पर प्रतिक्रियास्वरूप था, जिसमें भारत ने कहा था कि भारत उसी पाकिस्तानी मानसिकता का शिकार है, जो हर दिन अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों को बढ़ावा दे रही है।

भारत ने नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव के भारत सरकार के लिए काम करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उसे पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया था ताकि उस पर झूठा मुकदमा चलाया जा सके।

पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप से इनकार करते हुए लोधी ने अमेरिका पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि अमेरिका को वास्तविकता जांचने की जरूरत है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यह कहते हुए इस महीने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी कि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हमला करने के लिए आतंकवादियों को मदद और पनाहगाह उपलब्ध करा रहा है।

गौरतलब है कि जाधव को पाकिस्तान ने 2016 में गिरफ्तार किया था और उसे पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले साल मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद आईसीजे ने मृत्युदंड की सजा पर रोक लगा दी थी।

वास्तव में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन से पहले लोधी का संबोधन सूचीबद्ध था लेकिन लोधी ने अकबरुद्दीन के बाद परिषद को संबोधित करना चुना और अकबरुद्दीन के संबोधन के बाद अपने तैयार भाषण में संशोधन कर उन पर प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले अपने संबोधन में अकबरुद्दीन ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ शांति को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2015 में लाहौर का दौरा किया था।

उन्होंने कहा, मोदी की लाहौर यात्रा के एक सप्ताह बाद ही पठानकोट सैन्यअड्डे पर जघन्य और बर्बर आतंकवादी हमला हुआ और यह हमला उसी मानसिकता के साथ हुआ, जिसके तहत रोजाना अफगानिस्तान में हमले हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, यह मानसिकता अच्छे और बुरे आतंकवादियों में फर्क करती है। इस मानसिकता ने शांति को अपनाने से इनकार कर दिया है। इस मानसिकता में बदलाव की जरूरत है।

लोधी ने कहा कि पाकिस्तान आतकंवाद के खिलाफ है और वह खुद इससे जूझ रहा है।

मलीहा लोधी ने अफगानिस्तान में आतंकवाद के लिए वहां की परिस्थितियों और नशीले पदार्थो के व्यापार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, अफगानिस्तान और उसके साझेदार देशों विशेष रूप से अमेरिका को इन संघर्षो एवं चुनौतियों को समाप्त करने का भार अन्य पर डालने के बजाए अफगानिस्तान के भीतर की इन चुनौतियों से निपटने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, जो अफगानिस्तान के बाहर पनाहगाहों की कल्पना कर रहे हैं, उन्हें वास्तविकता जांचने की जरूरत है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close