नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने शुक्रवार को ‘आप के लाभ के पद मामले में’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है। निर्वाचन आयोग ने संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद धारण करने के मामले में आम आदमी पार्टी(आप) के 20 विधायकों को दोषी पाया और उन्हें अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश की है।
इस पर, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने एक ट्वीट में कहा, केजरीवाल को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनके कैबिनेट के आधे मंत्रियों को भ्रष्टाचार के मामले हटाया जा चुका है। 20 विधायक जो कि मंत्री स्तर की सुविधा का आनंद उठा रहे थे, उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है।
उन्होंने साथ ही कहा, लोकपाल कहां है? विधायक और मंत्री सत्ता का मजा ले रहे हैं और विदेश यात्राएं कर रहे हैं। राजनीतिक शुचिता कहां है?
ये आप विधायक असंवैधानिक रूप से संसदीय सचिव के रूप में पद धारण करने के आरोपी हैं, जिन्हें मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है।
शुरुआत में यह मामला 21 विधायकों के खिलाफ था, लेकिन आप विधायक जरनैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद यह मामला केवल 20 विधायकों पर चल रहा था। उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा, यह मुख्यमंत्री के लिए बड़ी नैतिक हार है और इसलिए उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, देर आए दुरुस्त आए, चुनाव आयोग ने लाभ का पद धारण करने के लिए आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। दिल्ली में मध्यावती चुनाव होने जा रहे हैं, लोगों को आप सरकार की राजनीतिक गलती का जवाब देना है।
उन्होंने कहा, हम राष्ट्रपति(राम नाथ कोविंद ) से इसपर तत्काल फैसला लेने का आग्रह करेंगे। गुप्ता ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, इससे अब उनके(केजरीवाल) नेतृत्व पर संकट पैदा हो गया है। उन्हें नैतिक आधार पर निश्चय ही इस्तीफा दे देना चाहिए।