‘पद्मावत’ 25 जनवरी को पूरे देश में होगी रिलीज, सुप्रीम कोर्ट ने तीनों राज्य के बैन खारिज किये
सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज पर तीन राज्यों में लगे प्रतिबंध को गुरुवार को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑल इंडिया की बेंच ने इस पर बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि राज्यों में कानून व्यवस्था बनाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है।
संविधान की आर्टिकल 21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है। इसके साथ ही बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार इस नोटिफिकेशन से आर्टिकल 21 के तहत मिलने वाले अधिकारों का हनन होता है।
यह राज्यों का दायित्व है कि वह कानून व्यवस्था बनाए। राज्यों की यह भी जिम्मेदारी है कि फिल्म देखने जाने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिले। इससे पहले अटार्नी जनरल ने राज्यों का पक्ष रखने के लिए सोमवार का वक्त मांगा। लेकिन कोर्ट ने पहले ही फैसला दे दिया।
बता दें कि विवादों से घिरी फिल्म पद्मावत के कुछ राज्यों में प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई की बात कही गई थी। फिल्म निर्माताओं ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामला रखा है। निर्माताओं के वकील ने बुधवार को पीठ से मामले पर शीघ्र सुनवाई की मांग की जिस पर अदालत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। सुनवाई से संबंधित मामलों की सूची के बुधवार शाम आने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस मामले पर गुरुवार को क्या होना है।
‘पद्मावत’ पर राजस्थान, हरियाणा और गुजरात सहित कुछ राज्यों ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। हालांकि, फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है।
राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। जबकि फिल्म से संबद्ध लोगों ने इससे इनकार किया था।