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कुछ निर्माता फिल्म उद्योग को खत्म कर रहे हैं : रोनी स्क्रूवाला

नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| बॉलीवुड निर्माता व उद्यमी रोनी स्क्रूवाला सिनेमाघरों में रिलीज से पहले ही फिल्मों के सैटलाइट अधिकार और डिजिटल अधिकार बेचने को लेकर आलोचना करने में कोई कोताही नहीं बरतते हैं।

उन्होंने कहा कि बिजनेस मॉडल अपनाकर निर्माता ‘उद्योग को खत्म कर रहे हैं’ क्योंकि यह भारत के सिनेमाघरों के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।

स्क्रूवाला ने यहां आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, समस्या यह है कि कई निर्माताओं ने व्यवसाय को तबाह कर दिया है और यह खतरा है। उद्योग के लिए खतरा तब होता है जब कुछ निर्माता फैसला करते हैं कि ‘मैं फिल्म की सफलता को लेकर सुनिश्चित नहीं हूं, इसलिए मैं इसे पहले ही बेच दूंगा। मैं इसे नेटफ्लिक्स को बेचूंगा और यह प्लेटफॉर्म पर चार हफ्तों में आ जाएगा और फिर इसे मैं स्टार, जी या सोनी को बेचूंगा और यह टीवी पर अगले पांच हफ्तों में आ जाएगा।’

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, मैं कहता हूं कि अगर आप अपनी फिल्म की सफलता को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं तो फिर आपने फिल्म क्यों बनाई?

फिल्म को बनाने में काफी पैसा लगता है और निर्माताओं द्वारा सैटलाइट टेलीविजन अधिकार बेचने और डिजिटल मीडियम के साथ करोड़ों रुपये में साझेदारी कर सुरक्षित सौदा करने का चलन जारी है।

स्क्रूवाला ने जोर देते हुए कहा, यह उद्योग को खत्म कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एक दर्शक के रूप में सिनेमाघर जाने के दो कारण हैं। पहला कारण ट्रेलर पसंद आना है और दूसरा कारण लोगों की प्रतिक्रिया है। ट्रेलर पसंद आने के बाद भी आप सिनेमाघर तब नहीं जाते हैं, जब आप जानते हैं कि फिल्म अगले तीन हफ्तों में किसी माध्यम (मीडियम) पर आने वाली है।

स्क्रूवाला ने कहा कि हॉलीवुड फिल्में भारत में बेहतर प्रदर्शन इसलिए करती हैं क्योंकि वे अपनी फिल्मों को छह महीने तक किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर नहीं दिखाते हैं। बॉलीवुड में भी ऐसा ही होना चाहिए।

डिज्नी यूटीवी के पूर्व प्रबंध निदेशक स्क्रूवाला अपनी मोशन पिक्चर कंपनी अपग्रेड के सह-संस्थापक भी हैं।

बतौर निर्माता वह विभिन्न विषयों पर फिल्में बना रहे हैं। ‘उड़ी’ पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर भारत द्वारा किए सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में है।

स्क्रूवाला ने कहा कि वह ऐसी कहानियां दर्शाना चाहते हैं, जिन्हें बताए जाने की जरूरत है।

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