नाइजीरियाई डाकुओ के चंगल से छूटकर भारत पहुंचा मरीन इंजीनियर
एजेंसी/ नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय की मंदद से छुड़ाए गए मरीन इंजीनियर संतोष कुमार भारद्वाज अपने देश, अपने घर मंडुवाडीह वापस आ गए है। 46 दिन बाद उन्हें नाइजीरियाई समुद्री डाकुओं के चंगुल से छुड़ाया गया। एयरपोर्ट परउन्हें रिसीव करने उनकी पत्नी समेत उनका पूरा परिवार पहुंचा।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद से विपक्ष के नेता भी सुषमा के काम की सराहना कर रहे है। संतोष भारद्वाज नाम का यह शख्स सिंगापुर की एक कंपनी में काम करता था। जिसे 26 अप्रैल को समुद्री डाकुओं ने किडनैप कर लिया था।
इसके बाद संतोष की पत्नी ने सुषमा से मदद मांगी। सुषमा ने अपने ट्वीट में कहा कि मुझे सूचित करते हुए अत्यंत खुशी है कि श्री संतोष भारद्वाज नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं से छूट गए हैं। इस पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि सुषमा जी बेहतरीन काम कर रही हैं।
एक्टर अनुपम खेर ने इस खबर के के बाद कहा- जय हो। संतोष की रिहाई से खुश उसकी पत्नी ने सुषमा का शुक्रिया अदा किया और कहा कि मुझे आपके मंत्रालय पर पूरा विश्वास था। तभी मैं 45 दिनों तक अपने पति का इंतजाक कर सकी। जीवन भर आपकी आभारी रहूंगी।
सुषमा ने 3 अप्रैल को ट्वीट कर संतोष की पत्नी से कहा था कि बहन आप खाना मत छोड़िए। मैं आपके पति को छुड़वाने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगी। संतोष सिंगापुर की शिपिंग कंपनी ट्रांसओशन प्राइवेट लिमिटेड में थर्ड इंजीनियर थे। उनकी पोस्टिंग नाइजीरिया में थी।
26 मार्च को संतोष की पत्नी कंचन के पास एक फोन आया, जिसमें कहा गया कि लुटेरों ने संतोष के शिप को नाइजीरिया के लागोस में रोक लिया है। पांच लोगों को किडनैप किया गया था। पांचों को ले जाकर लुटेरे कंपनी से फिरौती मांग रहे थे। संतोष की फैमिली वाराणसी में रहती है।