राष्ट्रीय

इजरायली शहर के नाम पर दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग का नाम रखा गया

नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली में तीन मूर्ति भवन के नजदीक गोलचक्कर पर स्थित प्रतिष्ठित युद्ध स्मारक का नाम रविवार को तीन मूर्ति हाइफा चौक कर दिया गया।

यह प्रथम विश्व युद्ध में हाइफा (अब इजरायल में) युद्ध में मारे गए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि के तौर किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू व उनकी पत्नी सारा ने तीन मूर्ति स्मारक पर तीन मूर्ति भवन के निकट गोलचक्कर का नाम बदलने के औपचारिक समारोह में भाग लिया। तीन मूर्ति भवन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था।

मोदी ने ट्वीट किया कि उन्होंने व नेतन्याहू ने ‘हाइफा में बहादुरी के साथ लड़ने वाले भारतीय जवानों व शहर की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान गवांने वालों’ को श्रद्धांजलि दी। हाइफा इजरायल का तीसरा बड़ा शहर है।

उन्होंने लिखा, वह स्थान जहां हम उनके बलिदान का स्मरण करते हैं, अब तीन मूर्ति-हाइफा चौक कहकर पुकारा जाएगा।

मोदी ने लिखा, यह प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति का 100वां साल है। हम गर्व के साथ युद्ध में भारतीय सैनिकों की वीरता को याद करते हैं।

दोनों नेताओं ने पुष्पांजलि अर्पित की और स्मारक की आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए।

मोदी ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, इन पन्नों में से एक पृष्ठ 100 साल पहले हाइफा में भारतीय सैनिकों के बलिदान से लिखा गया। इस स्थल का नाम तीन मूर्ति हाइफा चौक करना इसके ऐतिहासिक महत्व को पहचान देता है। इजराल के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हम बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं।

इस युद्ध स्मारक को पहले इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड मेमोरियल के नाम से पुकारा जाता था। इसका अनावरण 1924 में किया गया था।

तीन पत्थर व तांबे की प्रतिमा हैदराबाद, जोधपुर व मैसूर लांसर्स को प्रदर्शित करती है, जो 15 इम्पीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे। इस ब्रिगेड ने जर्मनी व तुर्की के सैनिकों से सितंबर 1918 में हाइफा को स्वतंत्र कराने की लड़ाई लड़ी थी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close