मकर संक्रांति के बाद योगी मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना
लखनऊ, 13 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद से ही सरकार और संगठन दोनो में बदलाव होने की अटकलें पिछले कई महीने से लगाई जा रही हैं। योगी मंत्रिमंडल में फेरबदल तो पहले होना था लेकिन निकाय चुनाव की वजह से यह टल गया था। लेकिन भाजपा सूत्रों ने बताया कि मकर संक्रांति के बाद 20 जनवरी तक योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में बदलाव दिखाई दे सकता है।
सरकार के बाद संगठन में भी बदलाव होगा और कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी होगी एवं कई मोर्चो के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।
दरअसल कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर सरकार, संगठन और आरएसएस के बीच एक समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें वरिष्ठ पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल ने शिरकत की थी वहीं संगठन की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और दोनों उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, समन्वय बैठक में तय हुआ था कि मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार की रूपरेखा बदली जाए फिर संगठन का कायाकल्प किया जाए।
सूत्रों के अनुसार, नगर निकाय चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करने वाले कई जिलाध्यक्षों की छुट्टी होनी तय है। इसके अलावा भाजपा में प्रदेश के सभी मोर्चे के चेहरों में भी बदलाव होने की पूरी संभावना है।
पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने आईएएनएस को बताया, मकर संक्रांति के बाद पहले सरकार में बदलाव होगा। इस बदलाव में कुछ मंत्रियों के विभागों में बदलाव होने की पूरी संभावना है। उम्मीद यह भी है कि इस बदलाव में पश्चिम और पूरब का समन्वय बरकरार रखने के लिए एक मंत्री पश्चिमी उप्र से तो एक मंत्री पूर्वांचल से बनाए जाने की पूरी उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि सरकार में कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होने की भी संभावना है। कैबिनेट मंत्री स्वाती सिंह, अनुपमा जायसवाल और धर्मपाल सिंह के विभाग छिन सकते हैं। इनके विभाग नए मंत्रियों को मिलने की संभावना है। लखनऊ से सांसद और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के मंत्री बनने की संभावना कम ही है।
बकौल पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, सरकार में बदलाव के बाद संगठन में भी फेरबदल होगा। कई जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। खासतौर से ऐसे जिलाध्यक्ष सुनील बंसल के रडार पर हैं, जिन्होंने निकाय चुनाव में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ठीक से नही किया। इसके अतिरिक्त मोचरें के अध्यक्ष भी बदले जाएंगे।
दरअसल महिला मोर्चे की अध्यक्ष स्वाती सिंह के मंत्री बनने के बाद यह सीट खाली पड़ी है। उनकी जगह नए चेहरे की तलाश हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का भी अध्यक्ष बदलने की पूरी संभावना है। बहुत संभावना है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अनिल यादव को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि लोकसभा के चुनाव से पहले अनिल यादव को अध्यक्ष बनाने से समाजवादी पार्टी के वोट बैंक में सेंधमारी की जा सकती है। लिहाजा पार्टी ने उनको भुनाने की पूरी तैयारी कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की जो नई टीम बनेगी वह सुनील बसंल की पसंद की होगी। बंसल खुद ही चाहते हैं कि पार्टी के वरिष्ठ लोगों का समायोजन सरकार में किया जाए और उप्र में भाजपा की नई पौध तैयार की जाए। इसके लिए वह पिछले एक महीने के भीतर उप्र के कई विभाग प्रचारकों के साथ उनकी बैठकें हो चुकी हैं। इन प्रचारकों ने अपनी तरफ से नाम भी सुझाए हैं जिस पर जल्द अमल होने की पूरी संभावना है।