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आईएसएल-4 : क्या डायनामोज के सफर समाप्त हो गया है?

नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| गुयोन फर्नाडेज द्वारा रविवार को चेन्नयन एफसी के खिलाफ अंतिम मिनटों में किए गए गोल के दम पर दिल्ली डायनामोज ने यह मैच ड्रॉ करा लिया था। इस गोल से दिल्ली ने हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन में पिछले छह मैचों से चले आ रहे लगातार हार के सिलसिले को तोड़ा था और दिल्ली के प्रशंसकों को उम्मीद जगाई थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दो दिन बाद दिल्ली को एक और हार मिली। इस बार उसे लीग में संघर्ष कर रही केरला ब्लास्टर्स ने 3-1 से मात दी और अंकतालिका में सबसे निचले स्थान पर ही छोड़ दिया।

मिग्युल एंजेल पुर्तगाल की टीम आईएसएल के सीजन की अच्छी शुरुआत की थी और अपने पहले मैच में एफसी पुणे सिटी को 3-2 से हराया था। इस जीत के बाद सभी के दिमाग में पहला ख्याल ये आया था कि नए कोच के साथ दिल्ली इस बाक प्लेऑफ में तो जगह बना ही लेगी।

मौजूदा फॉर्म को देखकर नहीं लगता कि दिल्ली प्लेऑफ में जगह बना पाएगी। उसने अपने आठ मैचों में सात गंवा दिए हैं। इसमें कुछ ऐसी टीमें हैं जो इस लीग में ज्यादा अच्छा नहीं खेल पा रही हैं। नार्थईस्ट युनाइटेड ने दिल्ली को 2-0 से हराया। जमशेदपुर एफसी ने दिल्ली को 1-0 से मात दी। एटीके ने उसे 1-0 से हराया।

दिल्ली के लिए क्या कहां गलत हुआ?

कागजों पर उसके पास क्वालीफाई करने के लिए सभी जरूरी काबिलियत है। दिल्ली के पास अच्छे विदेशी खिलाड़ी हैं। उसके लिए कालु उचे के अलावा लिलियान चांग्ते हैं।

मिग्युएल पुर्तगाल के रूप में दिल्ली के पास ऐसा कोच है, जिसने अपने आप को उच्च स्तर पर साबित किया है। डायनामोज में आने से पहले वह स्पेन के क्लब रेसिंग सैंटेंडेर और रियल वालाडोलिड के कोच रह चुके हैं, लेकिन टीम में सभी तरह के स्टार और अनुभवी खिलाड़ी होने के बाद भी दिल्ली की टीम बुरी तरह से संघर्ष कर रही है।

इस साल डायनमोज ने गेंद को अपने पास ज्यादा रखने की रणनीति अपनाई, वह ज्यादा कुछ पास दिए बिना आगे जाने की रणनीति पर काम कर रही थी। वह गेंद को सही उपयोग न करने के दोषी हैं। केरला के खिलाफ खेले गए मैच में भी डायनामोज ने गेंद अपने पास ज्यादा रखी थी, लेकिन इसके बाद भी वह हार को टाल नहीं पाई।

दिल्ली ने नौ मैचों में आठ गोल किए हैं। उसका औसत प्रत्येक मैच में एक गोल से भी कम रहा है। उचे, फर्नाडेज और चांग्ते जैसे खिलाड़ियों से सजी इस टीम के लिए इस तरह का प्रदर्शन शोभा नहीं देता है।

एटीके और जमशेदपुर ने डायनामोज की अपेक्षा कम गोल किए हैं, बावजूद इसके वह अच्छा कर रही हैं और अंकतालिका में दिल्ली से बेहतर स्थिति में हैं। डायनामोज का डिफेंस भी अच्छा नहीं रहा है। उसने अभी तक 24 गोल खाए हैं।

मिग्युएल एंजेल के खिलाड़ियों ने जो शुरुआती वादा किया था वो नाउम्मीदी में बदल गया है। अगर वह लीग में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें एक जादुई वापसी की इस समय बेहद जरूरत है।

डायनामोज के सामने अब अगली चुनौती सुनील छेत्री की कप्तानी वाली बेंगलुरू एफसी की है। बेंगलुरू ने डायनामोज को अपने घर में 4-1 से मात दी थी। जीत से कम कुछ भी उनके अभियान को दोबारा पटरी पर नहीं ला सकता। पिछले दो संस्करणों में सेमीफाइनल में पहुंचने वाली डायनामोज इस सीजन में इस दौड़ से बाहर होने वाली पहली टीम नहीं बनना चाहेगी।

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