भारतवंशी अपने देश की समृद्धि भारत के विकास से जोड़ें : कोविंद
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को भारतीय प्रवासियों से उनके देशों की समृद्धि को भारत से जोड़ने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है, जब हम नए भारत के निर्माण में लगे हुए हैं। यहां भारतीय मूल के लोगों (पीआईओ) के अंतर्राष्ट्रीय संसदीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था, जो दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, में बेहद तेजी दिखने की संभावना है।
उन्होंने कहा, हम नए भारत का निर्माण कर रहे हैं, एक ऐसा भारत जो 2022 तक हमारे लोगों के लिए एक निश्चित मील का पत्थर मानी जाने वाली उपलब्धियां हासिल कर लेगा..जब हम 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे होंगे।
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि सरकार ने इस मोड़ पर भारी निवेश, व्यापार और विकास के अवसर की पेशकश की है, जिससे न सिर्फ 1.3 अरब लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि यह दुनिया के लिए आशा, समृद्धि, शांति और स्थिरता की एक आवाज भी बनेगा।
राष्ट्रपति ने कहा, मानव सभ्यता की संपूर्णता की एक हिस्सेदारी भारत के विकास में है। सार्वजनिक जीवन में अपनी प्रणाली में भारतीय मूल के संसद सदस्यों के रूप में, जो भारत को अच्छे से समझते हैं..आपके लिए अपने व्यक्तिगत देश की प्राथमिकता को भारत के विकास से जोड़ना और यह देखना जरूरी है कि कैसे ये प्रतिच्छेद कर सकते हैं।
कोविंद ने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, जिन देशों में वे पहुंचे उन्होंने सराहनीय ऊंचाई हासिल कर ली है।
कोविंद ने कहा कि प्रवासी भारतीय इटली, बोलीविया और तंजानिया के अलावा अन्य देशों में खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं। वे सिलिकॉन वैली की प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप वातावरण के प्रमुख किरदार हैं। वे दुबई की अर्थव्यवस्था और अन्य खाड़ी देशों के बड़े व्यापार की रीढ़ की हड्डी हैं।
कोविंद ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के बिना न्यूयॉर्क, लंदन और सिंगापुर जैसे वैश्विक वित्तीय केंद्र आज इस स्थिति में नहीं होते।
कोविंद ने सम्मलेन में शामिल होने वालों को राष्ट्रपति भवन का दौरा करने के लिए भी आमंत्रित किया।
राष्ट्रपति ने इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद द्वारा पीआईओ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित पीआईओ सम्मलेन का उद्घाटन किया।
महात्मा गांधी के नौ जनवरी, 1915 को दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के उपलक्ष्य में भारत नौ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाता है।
सम्मलेन में 23 देशों के सांसद से लेकर मेयर तक करीब 140 निर्वाचित जनप्रतिनिधि शामिल हुए।