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भगवान श‌िव ने काटे थे इन पांच के स‌िर

shiv-natraj_1457250909एजेंसी/ भगवान श‌िव संहार के देवता माने जाते हैं और यह बात यूं ही नहीं कहा गया है। पुराणों में कई कथाएं म‌िलती हैं ज‌िससे यह मालूम होता है श‌िव क्रोध में आते हैं तो क‌िस तरह से देवताओं पर भी प्रहार करने से चूकते नहीं हैं।भगवान श‌िव के क्रोध की पहली घटना उस समय देखने को म‌िलती है जब ब्रह्मा जी ने एक झूठ बोला क‌ि उन्होंने श‌िवल‌िंग का आद‌ि अंत जान ल‌िया है। क्रोध‌ित होकर श‌िव जी ने ब्रह्मा जी का एक स‌िर काट द‌िया ज‌िसने झूठ बोला था। इसके बाद स‌े पंचमुखी ब्रह्मा चार मुखों वाले रह गए।बह्मा के पुत्र प्रजापत‌ि दक्ष का स‌िर उस समय भगवान श‌िव के अंश से उत्पन्न वीरभद्र ने काटा था जब देवी सती ने हवन कुंड में कूद कर आत्मदाह कर ल‌िया था। कारण यह था क‌ि दक्ष ने भगवान श‌िव और उनकी पत्नी देवी सती का अपमान क‌िया था क्योंक‌ि देवी सती ने दक्ष के रोकने पर भी श‌िव से व‌िवाह क‌िया था।

क्रोध में भगवान श‌िव क‌िसी की परवाह नहीं करते हैं यह बात इससे साब‌ित होता है क‌ि जब उनके पुत्र गणेश जी ने माता पार्वती से म‌िलने से मना कर द‌िया तो श‌िव जी गणेश जी से भी युद्ध करने लगे और अपने त्र‌िशूल से गणेश जी का स‌िर काट डाला।तारकाक्ष, कमलाक्ष व विद्युन्माली यह तीनों त्र‌िपुरासुर कहलाते हैं त्र‌िपुरासुर के आतंक का अंत करने के ल‌िए महादेव ने धनुष बाण का प्रयोग क‌िया था। श‌िव जी ने एक त्र‌िपुरासुर यानी तीनों असुरों का स‌िर एक साथ काटकर उनका अंत कर द‌िया और त्र‌िपुरारी कहलाए।

देवी लक्ष्मी का भाई जलंधर नामक असुर देवताओं को सताने लगा उसकी बुरी नजर देव पत्न‌ियों एवं देवी पार्वती पर पड़ी इससे क्रोध‌ित होकर भगवान व‌िष्‍णु और श‌िव ने एक चाल चली और श‌िव जी ने जलंधर का वध कर द‌िया।

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