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जेल में लालू के ‘सेवादार’ पहुंचने पर गरमाई सियासत

पटना, 10 जनवरी (आईएएनएस)| चारा घोटाले के एक मामले में जेल की सजा काट रहे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लालू के जेल पहुंचने से पहले उनके दो ‘सेवकों’ को जेल पहुंचाने के मामले को प्रथम दृष्ट्या सही पाए जाने पर बिहार में सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां लालू को ‘सामंतवादी’ बता रही है, वहीं जद (यू) इस मामले को लेकर लालू पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर तत्कल कार्रवाई की मांग कर रही है।

रांची (सदर) के पुलिस उपाधीक्षक आऱ क़े मेहता ने पूरे मामले की जांच के बाद बुधवार को बताया कि प्रथम दृष्ट्या यह बात सामने आई है कि लक्ष्मण कुमार और मदन यादव ने फर्जी मामला दर्ज करवाकर खुद को गिरफ्तार करवाया और वे जेल पहुंचे।

उल्लेखनीय है कि लालू के जेल जाने के पूर्व रांची के लोअर बाजार थाने में सुमित यादव नामक एक व्यक्ति ने 23 दिसंबर को मदन और लक्ष्मण के खिलाफ मारपीट और 10 हजार रुपये की छीनने के आरोप के साथ एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी मामले में दोनों कथित आरोपियों को बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में लालू प्रसाद जब जेल गए थे तब भी मदन एक पुराने मामले में आत्मसमर्पण कर जेल पहुंच गया था।

इस मामले के सामने आने के बाद मंगलवार को रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुलदीप द्विवेदी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे।

इधर, इस मामले में अब बिहार का सियासी पारा गरमा गया है। भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू को अब जेल में सजा काटने के लिए भी गरीब के बेटों की सेवा चाहिए।

सुशील मोदी ने कहा, गरीबों को धोखा देकर मुख्यमंत्री बनने वाले लालू प्रसाद ने गरीबों के लिए बुनियादी सुविधाओं का इंतजाम तो नहीं किया, लेकिन अपनी सात पीढ़ियों के लिए संपत्ति जुटाने के लिए घोटाले जरूर किए।

इधर, जद (यू) के प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य नीरज कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद को सिर्फ अपने से मतलब है। उन्होंने अपने स्वार्थ के लिए दो गरीब कार्यकर्ताओं को जेल तक पहुंचा दिया। उन्होंने कहा कि नवसामंती की तरह लालू के जेल जाने से पहले ही अपने दो कार्यकर्ताओं को अपनी सेवा के लिए जेल पहुंचा दिया, यह उनकी सामंतवादी प्रवृत्ति को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार को इस मामले में दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लालू ने दोनों कार्यकर्ताओं से जानबूझकर गलत काम करवाया, इसलिए लालू परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए।

उन्होंने प्रत्येक मामले पर ट्वीट करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव की इस मामले पर चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि आखिर वह इस पूरे मुद्दे पर खामोश क्यों हैं?

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि इससे राजद का कोई लेना-देना नहीं है। अगर किसी ने कोई अपराध किया है और उसे जेल भेजा गया है तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि उन कार्यकर्ताओं से जेल में लालू प्रसाद काम करवा रहे हैं।

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