ईपीएस पेंशन भोगियों की 4 मांगों पर श्रम मंत्री का आश्वासन
नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)| कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे ईपीएस पेंशनरों की आवाज सड़क से संसद तक पहुंच गई है और श्रम मंत्रालय ने पेंशनरों के ‘भिक्षा आंदोलन’ का संज्ञान लेते हुए चार मांगों को मानने का आश्वासन दिया।
ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत के नेतृत्व में पेंशन भोगियों के प्रतिनिधिमंडल से केंद्रीय श्रम मंत्री ने शनिवार को मुलाकात की। श्रम मंत्री ने प्रदर्शनकारियों की चार मांगों पर विचार का आश्वासन प्रतिनिधिमंडल को दिया।
केंद्रीय श्रम मंत्री ने जिन चार मुख्य मांगों को मानने का आश्वासन दिया है उनमें ईपीएस-95 के सदस्यों और उनकी पत्नी को मुफ्त मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराना, 20 साल तक काम करने वाले पेंशनर्स को नियमानुसार दो साल का वेटेज देना, कम्युट की गई पेंशन को फिर से बहाल करने की अनियमितताओं में सुधार करना और ईपीएस पेंशनरों के लिए कम से कम 1 हजार की पेंशन की व्यवस्था लागू करने का प्रावधान शामिल है।
श्रम मंत्री ने ईपीएस पेंशनरों की दो मांगों को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
संसद की श्रम सलाहकार समिति ने भी ईपीएस-95 के पेंशनरों के मुद्दे पर पांच जनवरी को विचार-विमर्श किया।
श्रम मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत के बाद ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा, यह काफी सकारात्मक कदम है। बुजुर्गो की हालत काफी दयनीय है। हम बुजुर्गो के सम्मानजनक जीवन यापन के लिए उचित पेंशन व्यवस्था को जल्द ही लागू कराना चाहते हैं। देश भर में हमारा भिक्षा आंदोलन जारी रहेगा। हम आंदोलन के तीसरे दौर के साथ आगे बढ़ेंगे। हमें खुशी है कि श्रम मंत्रालय ने हमारे आंदोलन का संज्ञान लिया।
कर्मचारियों ने विभिन्न राज्यों, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में भिक्षा आंदोलन की शुरुआत की थी। एकत्र की गई भिक्षा की राशि को जिला कलक्टर या एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में भेजा गया था।
ईपीएस-95 योजना के तहत 60 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है। कर्मचारियों का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई के जमाने में इतनी कम पेंशन में महीने का खर्च चलना काफी मुश्किल है।