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27 को सीजेएम कोर्ट में पेश होंगे डीएम रावत, लगे हैं कई संगीन आरोप

हरिद्वार। अपने एक अलग अंदाज के लिए हमेशा से ही सुर्खियों में रहने वाले जिलाधिकारी दीपक रावत की परेशानियां आने वाले समय में बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ मातृसदन के संत आत्मबोधानंद ने सीजेएम कोर्ट में विभिन्न धाराओं में वाद दायर होने के बाद कोर्ट ने उसे स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई अपर सिविल जज प्रथम सीनियर को हस्तांतरित की है। जिसके बाद सुनवाई 27 जनवरी को होगी।

बता दें कि जिलाधिकारी पर आत्मबोधानंद को बंधक बनाकर मारपीट करने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसे कई संगीन आरोप लगे हैं। बता दें कि 25 जनवरी को ऋषिकुल ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में डीएम को सम्मानित किया जा रहा था। इसी दौरान मातृसदन के संत आत्मबोधानंद ने स्टेज पर पहुंचकर इस सम्मान का विरोध किया था।

आरोप है कि इसके बाद डीएम ने अपने गनर के साथ मिलकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को कमरे में बंद कर लिया और उनकी खूब पिटाई की। इसके बाद बेहोशी की हालत में ही उन्हें जेल भेज दिया गया। पीड़ित स्वामी आत्मबोधानंद का कहना है कि वो स्टेज पर सिर्फ ये पूछने के लिए चढ़े थे कि डीएम को संस्था आखिर क्यों सम्मानित कर रही है। बस इतनी सी बात के लिए उन्हें जानवरों की तरह पीटा गया।

मातृसदन के अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने बताया कि मामले में डीएम के खिलाफ विभिन्न धाराओं में सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया गया था, जिसे सीजेएम ने स्वीकार करते हुए अपर सिविल जज प्रथम सीनियर को मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले को लेकर चाहें उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़े, लेकिन वो पीछे नहीं हटेंगे।

वहीं आपको यह बता दें कि मामले को लेकर डीएम दीपक रावत ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। बता दें, कोर्ट में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है, जिससे आने वाले समय में उनकी परेशानियां बढ़नी तय हैं। अधिवक्ता अरुण भदौरिया ने सीजीएम के यहां डीएम रावत के खिलाफ आईपीसी धारा 201, 295, 298, 323, 324, 325, 326, 307, 341 एवं 342 के तहत न्यायालय में मामला दर्ज करवाया है। जिसकी सुनवाई 27 जनवरी को होनी है।

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