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बॉर्डर पर भारतीय सेना की आक्रामकता से घबराया चीन

नई दिल्‍ली। बॉर्डर पर चीन के रवैये को देखते हुए भारत ने सख्ती क्‍या दिखाई, चीनी सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सेना पर आक्रामक रुख अपनाने का आरोप जड़ दिया है। वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने के लिए भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो चुकी है। इसमें दोनों देश सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हो गए हैं।

डोकलाम में पिछले साल दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। उस वक्‍त दो महीनों से भी ज्यादा समय तक टकराव की स्थिति बनी रही थी। व्यापक कूटनीतिक प्रयास के बाद हालात सामान्य हो सके थे।

दोनों देशों के बीच दिसंबर में विशेष प्रतिनिधि स्तर के 22वें दौर की बातचीत हुई थी। डोकलाम विवाद के शांत होने के बाद भारत और चीन के वरिष्ठ प्रतिनिधि पहली बार आमने-सामने बैठे थे। अब पीएलए ने बयान जारी कर भारतीय सुरक्षाबलों पर आक्रामक रवैया अपनाने का आरोप लगा दिया है।

चीनी सेना ने भारत से अपनी सेना को नियंत्रित करने की मांग की है। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए ने सार्वजनिक बयान जारी करने से पहले कूटनीतिक रास्‍तों से आपत्ति दर्ज कराई थी। चीनी सेना ने कहा कि सीमा पर गश्त के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों के साथ हुई हाथापाई में उसके जवान घायल हो गए थे।

इस दौरान पड़ोसी मुल्क ने भारतीय सुरक्षाबलों पर ज्यादा आक्रामक होने का आरोप लगाया है। चीनी सेना का कहना है कि भारतीय जवान इस तरह आक्रामक हो रहे थे, मानो जैसे यह पाकिस्‍तान की सीमा हो। हालांकि, राहत की बात यह है कि दोनों देशों के बीच तनाव चाहे जितना उफान पर हो,इसके बावजूद पिछले 40 वर्षों में एक बार भी गोलीबारी की घटना नहीं हुई।

उधर, भारतीय सेना और आईटीबीपी ने पीएलए के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय सुरक्षाबलों ने उलटे पीएलए पर आक्रामक होने का आरोप लगा दिया है। उन्होंने बताया कि ‘पैनगोंग सो’ इलाके में हुई घटना में चीनी जवान लोहे की रॉड और डंडे से लैस होकर आए थे। अफसरों ने बताया कि भारतीय सुरक्षाबल वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्ती को लेकर बेहद संवेदनशील और सीमाई क्षेत्र में शांति बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

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