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आध्यात्मिक राजनीति करेंगे, तमिलनाडु में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे : रजनीकांत

चेन्नई, 31 दिसम्बर (आईएएनएस)| तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने रविवार को कहा कि वह एक राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे जो ‘आध्यात्मिक राजनीति’ करेगी। रजनीकांत ने कहा कि पार्टी अगले विधानसभा चुनावों में राज्य के सभी 234 निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ेगी। बस कंडक्टर से तमिल सिनेमा की धड़कन बने रजनीकांत (68) ने सालों की अनिश्ििचतता के बाद अपने उल्लासित समर्थकों से कहा कि उनका यह फैसला ‘समय की जरूरत है।’

देश में ‘बहुत गलत राजनीति’ होने का आरोप लगाते हुए रजनीकांत ने तमिल भाषा में कहा, लोकतंत्र की आड़ में राजनीतिक दल अपने ही लोगों को लूट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह की व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।

रजनीकांत ने कहा कि पार्टी समय कम होने के कारण स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन 2021 के विधानसभा चुनावों में 234 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवारों को उतारेगी।

रजनीकांत ने अपनी पार्टी के नाम का खुलासा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि 2019 के संसदीय चुनाव में भाग लेने का फैसला उचित समय पर किया जाएगा।

सत्तारूढ़ एआईएडीएमके पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए रजनीकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री जे.जयललिता के दिसम्बर 2016 में निधन के बाद से तमिलनाडु के साल भर के घटनाक्रम ने राज्य को हस्यास्पद स्थिति में डाल दिया है।

रजनीकांत ने अपने प्रशंसकों से उनकी राजनीतिक पार्टी के गठन तक राजनीति या दूसरी पार्टियों के बारे में बात नहीं करने का आग्रह किया।

साधारण मराठा परिवार में जन्मे रजनीकांत का वास्तविक नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। वह कुली व बढ़ई जैसे काम करने के बाद बस कंडक्टर बने।

एक बार तमिल फिल्मों में आने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तमिलनाडु ने उन्हें गले लगाया और कभी उन्हें बाहरी के तौर पर नहीं देखा और रजनीकांत तमिल फिल्म उद्योग के प्रतीक बन गए। उनकी फिल्में को देखने जबर्दस्त भीड़ उमड़ती है।

रविवार को उन्होंने कहा कि उनका पहला कार्य अपने बहुत से अपंजीकृत प्रशंसक क्लबों को मूल संस्था के साथ पंजीकृत करना है।

रजनीकांत ने कहा कि वह राजनीति में सत्ता के लिए नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 45 साल की उम्र में उनकी राजनीतिक सत्ता में रुचि नहीं थी और अब 70 की उम्र में कोई नहीं कह सकता कि उन्हें सत्ता की चाह है।

रजनीकांत ने कहा कि कई पार्टियों वाले राज्य में राजनीतिक पार्टी का गठन और चुनाव लड़ना आसान कार्य नहीं है।

उन्होंने कहा, यह गहरे समुद्र से मोती निकालने जैसा है।

अभिनेता ने कहा कि सत्ता में आने के तीन सालों के भीतर यदि उनकी पार्टी अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पाती है तो वह इस्तीफा दे देंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि उन्हें लोगों से सहयोग मिलेगा और वह आम आदमी के प्रतिनिधि हैं।

सालों से रजनीकांत से राजनीति में उतरने को लेकर सवाल पूछे जाते रहे हैं। उन्होंने एक बार कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस के एआईएडीएमके के साथ गठजोड़ से वह फिर पीछे हट गए। इसके बाद उन्होंने डीएमके-टीएमसी गठबंधन का समर्थन किया, जो चुनाव जीत गया।

रजनीकांत ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अन्ना हजारे का समर्थन किया था।

रजनीकांत कई फिल्म पुरस्कारों सहित पद्म भूषण (2000) व पद्म विभूषण (2016) से सम्मानित हो चुके हैं। वह अपने परोपकारी गतिविधियों व आध्यात्मिक कार्यो के लिए जाने जाते हैं।

उन्होंने युवा अवस्था में आध्यात्मिक रास्ता अपना लिया था, उनके परिवार ने उन्हें रामकृष्ण मठ में शामिल होने में सहयोग दिया। वह सामान्य तौर पर देश भर के तीर्थस्थानों व चेन्नई के कई मंदिरों में जाते रहते हैं।

रजनीकांत के फैसले का अभिनेता कमल हासन, अमिताभ बच्चन और अनुपम खेर ने स्वागत किया है। तमिलनाडु के ही कमल हासन भी राजनीति में आने की बात कह चुके हैं।

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