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तेजस्वी की कविता पर जद (यू) ने कहा, ‘पिंजड़े के पंछी रे तेरा दर्द न जाने कोय’

पटना, 29 दिसंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाले के एक मामले में अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद भले ही जेल में हैं, परंतु उन्हें लेकर बिहार की राजनीति में शुरू बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।

राजद नेता तेजस्वी ने गुरुवार को एक कविता के माध्यम से जहां लालू प्रसाद को ‘शेर’ बताया, वहीं शुक्रवार को जनता दल (यूनाइटेड) ने भजन ‘पिंजड़े के पंछी रे तेरा दर्द न जाने कोय’ सुनाकर पलटवार किया है।

जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जो व्यक्ति जेल में बंद होगा, उसे तो दर्द होगा ही और वह इसे बयां भी करेगा।

उन्होंने कहा, आज लालूजी अपनी करनी के कारण जेल रूपी पिंजरे में बंद हैं, और फफक रहे हैं। उनकी हालत ‘पिंजड़े के पंछी रे तेरा दर्द न जाने कोय’ वाली हो गई है। न्यायपालिका तो अब सजा बताने वाली है।

उन्होंने कहा, तेजस्वी की यह पूरी कवायद ‘भ्रष्टाचार को शिष्टाचार’ बताने के लिए है। अगर लालू जैसे लोगों को ‘शेर’ बताने की कवायद है, तब तो ऐसे लोगों का राजनीति में भगवान ही मालिक है।

तेजस्वी ने गुरुवार को बिहार की धरती को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भूमि बताते हुए कहा था कि फिर प्रकाश की जय होगी।

अपने काव्यात्मक ट्वीट में तेजस्वी ने अपने पिता की तुलना शेर से करते हुए लिखा, जयप्रकाश की भूमि पर, फिर प्रकाश की जय होगी, और अंधेरा हारेगा। सिर्फ बोलेगा नहीं, शेर अब दहाड़ेगा।

तेजस्वी ने ट्वीट में अपने प्रतिद्वंद्वियों को अगाह करते हुए लालू प्रसाद को गरीबों का साथी बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के इस लाल को पिछड़ा समझने की भूल कोई न करे। सामाजिक न्याय की लड़ाई में लालू सबको पछाड़ देंगे।

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