जेरुसलम में पश्चिमी दीवार के पास ‘ट्रंप स्टेशन’ बनाएगा इजरायल
जेरुसलम, 28 दिसम्बर (आईएएनएस)| इजरायल के परिवहन मंत्री ने जेरुसलम के पुराने हिस्से में रेलवे के लिए सुरंग बनाने की इच्छा जताई है और साथ ही कहा है कि वह पवित्र पश्चिमी दीवार के पास के एक रेलवे स्टेशन का नाम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर होगा। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के परिवहन मंत्री यिजरायल केट्ज ने कहा है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जेरुसलम को इजरायल की राजधानी मानने का निर्णय लेने पर उनका सम्मान करना चाहते हैं।
जेरुसलम स्थित पश्चिमी दीवार यहूदियों का सबसे पवित्र स्थान है जहां समुदाय के लोग प्रार्थना करने आते हैं।
प्रस्तावित नई रेलवे सुरंग और स्टेशन तेल अवीव से होकर गुजरने वाली हाइस्पीड रेलवे लाइन का हिस्सा होंगे। यह लाइन अगले वर्ष से शुरू होनी है।
पश्चिमी दीवार के पीछे वाले इलाके में यहूदियों का टेंपल माउंट और मुसलमानों का हरम-अल-शरीफ है जिसे वे बेहद पवित्र मानते हैं। इस इलाके में अतीत में होने वाली खुदाई का फिलिस्तीनी जोरदार विरोध करते रहे हैं।
जेरुसलम को विश्व विरासत सूची में स्थान देने वाली संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक समिति यूनेस्को ने भी यहां खुदाई और सुरंग बनाने पर चिंता व्यक्त की है।
केट्ज ने स्थानीय अखबार येदिओथ अरोनोथ को बताया कि तेल अवीव-जेरुसलम रेलवे लाइन का विस्तार ‘परिवहन मंत्रालय की सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना है।’
उन्होंने कहा कि उन्होंने एक इजरायली रेलवे कमेटी की उस सिफारिश को मंजूरी दी है जिसमें पश्चिमी जेरुसलम के बिनियानेई हाउमा स्टेशन से पूर्वी जेरुसलम के पश्चिमी दीवार के हिस्से तक तीन किलोमीटर लम्बी एक रेलवे सुरंग बनाने की बात कही गई है।
सुरंग में भूतल से लगभग 52 मीटर नीचे दो स्टेशन बनेंगे। पहला सिटी सेंटर होगा जहां जाफ्फा और किंग जार्ज मार्ग मिलते हैं और दूसरा डोनाल्ड ट्रंप, पश्चिमी वॉल स्टेशन होगा।
केट्ज ने कहा, पश्चिमी वाल यहूदियों का सबसे पवित्र स्थान है। मैनें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साहसिक और ऐतिहासिक फैसला लेने पर पश्चिमी वॉल जाने वाली ट्रेन के स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया है।
इस महीने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल में अपना दूतावास तेल अवीव से जेरुसलम स्थानांतरित करने का फैसला किया था। इसके बाद फिलिस्तीनी नेताओं और विश्व के कई देशों ने इसकी कड़ी निंदा की थी और फिलिस्तीनी इलाकों, वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र महासभा के लगभग 100 से अधिक सदस्यों ने संयुक्त राष्ट्र के उस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी जिसमें अमेरिका का नाम लिए बगैर इस निर्णय को बदलने के लिए कहा गया था।
जेरुसलम, इजरायल और फिलिस्तीन के बीच के विवाद का एक बड़ा कारण है। इजरायल इसे अपनी राजधानी मानता है लेकिन इस पर उसके अधिकार को कभी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली। वक्त बीतने के साथ हालात ऐसे बने हैं जिसमें कहा जाता है कि समस्या का समाधान आजाद इजरायल के साथ आजाद फिलिस्तीन देश की स्थापना से होगा जिसकी राजधानी पूर्व जेरुसलम होगी।