राष्ट्रीय

रेलवे ने स्टेशन की श्रेणियों में किया संशोधन

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (आईएएनएस)| देशभर के रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को बेहतर सेवाएं व सुविधाएं मुहैया कराने के मकसद से स्टेशनों की श्रेणियों में संशोधन किया गया है। यह जानकारी गुरुवार को रेल मंत्रालय की ओर से दी गई। रेल मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया कि इस कार्य को अधिक व्यावहारिक व तर्कसंगत बनाने के उद्देश्य से बड़ा नीतिगत फैसला लिया गया है।

रेलमंत्री पीयूष गोयल द्वारा दिए गए निर्देश के बाद यह कदम उठाया गया है। रेलमंत्री ने स्टेशनों की आय, यात्रियों की आमद व रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखकर उनकी श्रेणियां तय करने और वहां ज्यादा प्रभावी ढंग से दुरुस्त सेवाएं मुहैया करने के निर्देश दिए हैं।

रेल मंत्रालय के मुताबिक, स्टेशनों की श्रेणियां तय करने के मानदंड में संशोधन के बाद अब यात्रियों की आमद को शामिल किया गया है। स्टेशनों के तीन समूह होंगे- गैर-उपनगरीय (एनएस), उपनगरीय (एस) और हाल्ट (एच)।

इन समूहों को आगे क्रमश: एनएसजी 1-6, एसजी 1-3 और एचजी1-3 के ग्रेड में बांटा गया है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इससे यात्रियों को स्टेशनों पर अपेक्षाकृत बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

पहले स्टेशनों की श्रेणियां तय करने के मानदंड में यात्रियों से आय, खासतौर से प्लेटफॉर्म टिकट से होने वाली आय प्रमुख थी। यात्रियों से प्राप्त आय के आधार पर स्टेशनों की श्रेणियां थीं- ए-1, ए, बी, सी, डी, ई और एफ।

मंत्रालय के मुताबिक, पहले यात्रियों की तादाद (ज्यादा कंप्यूटर के इस्तेमाल और एमएसटी पास धारी) से स्टेशनों की उच्च श्रेणी तय नहीं होती थी, जिसके चलते वहां निम्न स्तर की सुविधाएं होती थीं।

नए मानदंड में यात्रियों की तादाद को भी समान भार दिया गया है और स्टेशनों की श्रेणियां तय करने में इसे शामिल किया गया है। इस तरह कल्याण, पनवेल, थंबरम, ठाणे जैसे कई स्टेशन अब उच्च दर्जे के स्टेशन की श्रेणी में आने के लिए उपयुक्त हैं।

वर्तमान में 5,976 गैर-उपनगरीय रेलवे स्टेशन, 484 उपनगरीय रेलवे स्टेशन और 2,153 हाल्ट हैं। इस तरह कुल मिलाकर 8,613 रेलवे स्टेशन हैं।

मंत्रालय ने कहा कि स्टेशनों का यह वर्गीकरण 2017-18 से 2022-23 के लिए किया गया है।

500 करोड़ रुपये से ज्यादा की आमदनी वाले रेलवे स्टेशन, जहां से दो करोड़ से ज्यादा रेलयात्री यात्रा करते हैं, उसे एनएसजी-1 की श्रेणी में रखा गया है। इसी प्रकार एनएसजी-2 के लिए 100-500 करोड़ रुपये की आम और एक से दो करोड़ यात्रियों की आमद का मानदंड तय किया गया है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पर्यटन स्थल या महत्वपूर्ण जंक्शन होने की सूरत में महाप्रबंधक एनएसजी-4 श्रेणी का स्टेशन तय कर सकता है। साथ ही, महाप्रबंधक के पास स्टेशन पर सुरक्षा के इंतजामात, जैसे-फुटओवर ब्रिज, उच्च स्तर का प्लेटफॉर्म और ट्रॉली पथ वगैरह की व्यवस्था करने का भी अधिकार है।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close