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केदारनाथ धाम के कपाट खुले

download (26)देहरादून। केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार को विधिवत ढंग व मंत्रोच्चारण के साथ सुबह सात बजे खोल दिये गये। इस अवसर पर राज्यपाल डा. के के पॉल भी मौजूद थे। कपाट खुलने के दौरान केदारधाम बाबा के जयकारों से गूंजी उठी। भगवान आशुतोष के बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट मंत्रोच्चारण के बीच विधि विधान से खोल दिए गए।मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ. केके पाल हेलीकॉप्टर से धाम पहुंचे और सबसे पहले बाबा केदार के दर्शन का पूजा अर्चना की। कपाट खुलने के दौरान धाम में डेढ हजार से भी अधिक संख्या में भक्त थे। उधर, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट भी आज ही खुल गये। इस बार चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह है।

धाम में बेहतर व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार धाम काफी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। कपाट खुलने के दौरान धाम में मौसम सुहावना रहा। चटख धूप खिली रही। इसके बाद ग्रीष्मकाल के छह माह तक बाबा केदार की पूजा धाम में ही होगी और भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे। बीकेटीसी प्रशासन ने यात्रियों के लिए बार भी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है और पैदल यात्रियों को रोकने के लिए लिनचौली और भीमबली व जंगलचट्टी में व्यवस्थाएं की हैं। यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है।

गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुले
केदारनाथ के साथ ही सोमवार को गंगोत्री धाम के कपाट भी विधिविधान के साथ दोपहर को खुल गये। शीतकालीन पड़ाव मुखबा से गंगा जी की भोग मूर्ति की डोली पहुंचने के बाद दोपहर लगभग साढे बजे इस मूर्ति को यहां स्थापित कर दिया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। गंगा मैया के जयकारों से धाम गूंज उठा। इससे पूर्व गंगा की डोली को रविवार को गंगा के मायकेवासियों ने भाव पूर्ण ढंग से बेटी को विदा किया। सैकड़ों श्रद्धालु गंगा जी की डोली यात्रा में शामिल हुए। रविवार शाम को भैरोंघाटी पहुंची और सोमवार सुबह गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी। हर्षिल स्थित सेना की 12 ग्रेनेडियर के बैंड और क्षेत्र के पारंपरिक ढोल-दमाऊ की अगुवाई में डोली यात्रा रवाना हुई। रास्ते में कोपांग में आईटीबीपी की ओर से श्रद्धालुओं के लिए भोजन एवं जलपान की व्यवस्था की गई थी। डोली यात्रा में गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष मुकेश सेमवाल, सचिव सुरेश सेमवाल, शीतकालीन पुजारी राजेश सेमवाल, माया प्रसाद, अशोक सेमवाल आदि प्रमुख लोग थे। यमुनोत्री के कपाट भी एक बजे के बाद खोल दिये गये। यहां पांच हजार श्रद्धालु मौजूद थे।

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