प्रसाद ने लोकसभा में तीन तलाक विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव रखा
नई दिल्ली, 28 दिसम्बर (आईएएनएस)| कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक विधेयक को पेश करने के चंद घंटों बाद इस पर विचार करने व इसे पारित करने का प्रस्ताव रखा। सदन द्वारा कुछ सूचीबद्ध मुद्दों पर चर्चा नहीं करने के निर्णय के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 पर चर्चा शुरू की गई।
प्रसाद ने विधेयक को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए कहा कि यह धर्म या विश्वास का मुद्दा नहीं, बल्कि लैंगिक समानता व लैंगिक न्याय का मुद्दा है।
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस साल अगस्त में में इसे असंवैधानिक बताए जाने के बाद भी तत्काल तीन तलाक के मामले जारी हैं।
इस विधेयक में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर मुस्लिम पतियों द्वारा तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) को गैरकानूनी घोषित करने का प्रस्ताव है।
विधेयक में कहा गया है कि तलाक-ए-बिद्दत गैरकानूनी व दंडनीय अपराध होगा। इसमें पति से आजीविका के लिए गुजारा भत्ता व पत्नी व आश्रित बच्चों की रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दैनिक सहायता की व्यवस्था भी शमिल है। इसमें पत्नी के पास नाबालिग बच्चों की निगरानी का अधिकार भी होगा।
प्रसाद ने कहा कि तलाक-ए-बिद्दत कई मुस्लिम बहुल देशों में प्रतिबंधित है।