अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र : बजट कटौती से भारत को 10 लाख डॉलर की बचत

संयुक्त राष्ट्र, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| भारत अगले साल संयुक्त राष्ट्र को किए जानेवाले अनिवार्य योगदान में से 10 लाख डॉलर की बचत कर सकता है, क्योंकि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के बजट में पांच फीसदी कटौती का प्रस्ताव किया है।

साल 2017 में संयुक्त राष्ट्र के बजट में भारत का योगदान कुल 2.04 करोड़ डॉलर था। इसमें पांच फीसदी की कटौती से लगभग 10.23 लाख डॉलर की बचत होगी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रविवार को क्रिसमस की पूर्व संध्या पर हुई एक असामान्य बैठक में साल 2018 और 2019 के लिए 5.39 अरब के दो साल के नियमित बजट को मंजूरी दी थी।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि यह साल 2016 और 2017 के बजट से पांच फीसदी या 28.6 करोड़ डॉलर कम है।

उन्होंने कहा कि यह 2018 और 2019 के मूल बजट से 19.3 करोड़ डॉलर कम है, जिसका गुटेरेस ने भी प्रस्ताव किया था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा एक बार में दो साल का बजट पारित करती है, लेकिन साल 2020 से परीक्षण आधार पर सालाना बजट की प्रणाली लागू की जाएगी।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के लिए अलग बजट पारित किया जाता है, जिसका आकलन विभिन्न समयावधि के लिए अलग-अलग किया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र के सामान्य बजट में विभिन्न देशों के योगदान का एक जटिल फार्मूला है, जिसमें प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर गणना की जाती है।

भारत का संयुक्त राष्ट्र के बजट में योगदान फिलहाल 0.737 फीसदी है, लेकिन भविष्य में अर्थव्यवस्था में सुधार पर इस योगदान में बढ़ोतरी हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने बजट में कटौती को अमेरिका की सफलता करार देते हुए और इसका श्रेय लेते हुए कहा, हमने संयुक्त राष्ट्र के प्रबंधन और समर्थन कार्यो को घटाया है और पूरे विश्व ने हमारा साथ दिया है, और संयुक्त राष्ट्र की पूरी प्रणाली में अधिक अनुशासन और जवाबदेही डाली है।

उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र की अक्षमता और फिजूलखर्ची जगजाहिर है।

संयुक्त राष्ट्र के बजट में अमेरिका की हिस्सेदारी सबसे अधिक 22 फीसदी है और साल 2017 में अमेरिका ने कुल 61.1 करोड़ डॉलर का योगदान किया था।

हालांकि अमेरिकी राज्य की पूर्व गवर्नर के अनुभव के साथ हेली ने अपनी बजट विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए, वार्ता के दौरान कई अन्य देशों के साथ ही गुटेरेस के साथ भी कठिन सौदेबाजी की और बजट में कटौती के लिए राजी किया।

संयुक्त राष्ट्र के सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में इस कटौती का सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका को होगा, लेकिन इसके अलावा सभी देशों को उनके मूल्यांकन दर के अनुपात में फायदा होगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह विदेश विभाग के बजट में कटौती करना चाहते हैं, जिससे संयुक्त राष्ट्र को भुगतान किया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि बजट में कटौती का सभी क्षेत्रों पर असर होगा, जिसमें संविदात्मक सेवाओं, फर्नीचर व उपकरण, सलाहकारों और यात्रा में कटौती के साथ ही विशेष राजनीतिक अभियानों के लिए भी वित्तपोषण में कमी आएगी।

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