पूर्व सीएम हरीश रावत का इमोशनल पोस्ट, सोनिया गांधी को दिया मां का दर्जा
देहरादून। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत आजकल काफी भावनात्मक दौर से गुजर रहे हैं। हाल ही में हरीश रावत ने हिमाचल-गुजरात में मिली हार के दुख को बयां करते हुए लिखा था, ‘हार दुख देती है!’ एक बार फिर हरदा ने एक इमोशनल पोस्ट लिखते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को मां का दर्जा दिया है, साथ ही उन्हें त्याग की मूर्ति बताया।
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने राजीव गांधी की हत्या के बाद से अबतक सोनिया गांधी का सफरनामा लिखते हुए उन्हें आदर्श बहू, बेटी और मां के दर्जे से नवाजा है। इस सफरनामे के पोस्ट में उन्होंने इंदिरा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने अपनी सास से भारतीय संस्कृति को सीखा जो उनके प्रत्येक कार्य में भारतीय संस्कृति के सजीव रूप में विद्यमान है।
हरीश रावत याद करते हुए लिखते हैं कि, मुझे राजीव जी की निर्मम हत्या के बाद वे मार्मिक क्षण याद हैं, तब हम सब चाहते थे और प्रार्थना कर रहे थे कि, सोनिया जी पार्टी का अध्यक्ष पद व प्रधानमंत्री के पद को संभालें। सोनिया जी ने देश व कांग्रेस की भावना को जानने के बावजूद अपने आप को राजीव जी की यादों में समेट लिया और अपने बेटे व बेटी को मां-बाप, दादी का प्यार देकर स्वयं को व उन्हें सहारा दिया। यह एक विधवा मां का हृदयस्पर्शी निर्णय था। देश ने सोनिया जी में एक आदर्श बहू, पत्नी, बेटी व मां का स्वरूप देखा और उनको समुचित आदर दिया।
आगे उन्होंने कांग्रेस की अबतक की यात्रा का पूरा चित्रण दिया है। उन्होंने लिखा कि राजीव जी के बलिदान के आलोक में सरकार बनी और सरकार ने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण जैसा ऐतिहासिक निर्णय लेकर देश की गिरती आर्थिक स्थिति को संभाला, परन्तु यह सिलसिला लम्बा नहीं चल पाया। पार्टी केन्द्र में, फिर राज्यों में लगातार चुनाव हारी। पार्टी से टूटकर कई नेता अलग हो गये, उन्होंने अपनी-अपनी पार्टियां बना डाली। कांग्रेस दिशाहीन दिखाई देने लगी। कांग्रेसजनों में गहरी निराशा घर कर गयी थी। तभी सोनिया गांधी ने लाखों कांग्रेसजनों की भावनाओं को देखते हुये 14 मार्च, 1998 को अध्यक्ष पद संभाला।
उन्होंने आगे लिखा कि 16 दिसम्बर, 2017 को कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही राहुल गांधी को सोनिया ने एक निर्वाचित अध्यक्ष के रूप में यह महान जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि राहुल अपने मिशन में जरूर कामयाब होंगे। अंत में हरीश रावत लिखते हैं, ‘सोनिया जी, हम आपके आशीर्वाद के बिना सामाजिक व राजनैतिक जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। आप हम सबके लिए मां हो, फिर मां का कोई शब्द विदाई का नहीं होता है। आपका यह भाषण हमारे लिए आशीर्वाद और मार्गदर्शन है। हम उस पर चलेंगे, और लगातार चलते ही रहेंगे।’