उप्र : भूमि विवाद के निपटारे को लेकर 8 जिलाधिकारियों को चेतावनी
लखनऊ, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने पांच वर्ष पुराने लंबित विवादित भूमि विवादों के निपटारे को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार के राजस्व बोर्ड ने राज्य के आठ जिलाधिकारियों एवं पांच मंडलायुक्तों को इस बाबत चेतावनी जारी की है और उनसे इस तरह के मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने को कहा है। राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रवीर कुमार ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप ही राजस्व विवादों के निस्तारण के लिए एक जनवरी 2018 से लेकर 31 मार्च 2018 तक एक अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने पांच वर्ष से भी अधिक समय से लंबित राजस्व मामलों का निपटारा नहीं करने पर चिंता व्यक्त की है। उनकी चिंता को ध्यान में रखकर ही ऐसे जिलाधिकारियों एवं मंडलायुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने यहां लंबित भूमि विवादों को जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए कदम उठाएं।
प्रवीर कुमार ने कहा कि जिन जिलों के जिलाधिकारियों को चेतावनी भेजी गयी है उनमें गाजीपुर, महोबा, गोंडा, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़, आजमगढ़, बलिया व जालौन शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त आजमगढ़, आगरा, फैजाबाद, अलीगढ़ और फैजाबाद के मंडालायुक्तों को भी पत्र भेजा गया है और उनसे उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
एक जनवरी से लेकर 31 मार्च तक चलाए जाने वाले विशेष अभियान को लेकर उन्होंने कहा कि इस अभियान के संदर्भ में ही 29 दिसम्बर को तीन बजे एक वीडियो कांफ्रेंस की जा रही है। इसमें संबंधित अधिकारियों को इस अभियान की जानकारी दी जाएगी।
प्रवीर कुमार ने कहा कि इस वीडियो कांफ्रेंसिग में विशेषतौर से पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित पड़े पुराने मामलों के निस्तारण की समीक्षा की जाएगी।