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हेगड़े के संविधान में बदलाव के बयान पर राज्यसभा में हंगामा

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)|केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के विवादित बयान को लेकर बुधवार को विपक्ष ने सदन में हंगामा किया। विपक्ष का कहना है कि इस विवादित बयान के बाद हेगड़े को सदन या सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

कर्नाटक से सांसद हेगड़े ने एक समारोह में कहा था कि सत्तारूढ़ भाजपा यहां संविधान में बदलाव करने और इससे धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने के लिए है।

विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया। चार दिन के अवकाश के बाद बुधवार को संसद की कार्यवाही शुरू हुई है। इस दौरान कांग्रेस मोदी के पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए गए बयान को लेकर उनसे माफी की मांग पर अड़ी है।

विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद सरकार व भारतीय जनता पार्टी पर जमकर बरसे और कहा कि अगर किसी व्यक्ति का भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है तो उसे सदन में या सरकार में रहने का कोई हक नहीं है।

आजाद ने कहा, मंत्री का संविधान में कोई भरोसा नहीं है और उन्हें मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें यहां तक कि संसद का सदस्य होने का भी अधिकार नहीं है।

केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री ने कर्नाटक के कुकानूर में एक कार्यक्रम में सोमवार को कहा, जो लोग अपनी जड़ों से अनभिज्ञ होते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती। उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता, लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं।

उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि संविधान में धर्मनिरेपक्षता की बात है और आप को इसे स्वीकारना चाहिए। हम संविधान का सम्मान करेंगे, लेकिन संविधान में कई बार संशोधन हुए और इसमें भविष्य में भी बदलाव होगा।

उन्होंने कहा, हम संविधान में बदलाव के लिए सत्ता में आए हैं और हम इसमें बदलाव करेंगे।

चार दिनों के अवकाश के बाद बुधवार को सदन में कामकाज शुरू हुआ और इस बीच विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की।

सभापति एम. वेकैंया नायडू ने इस आग्रह को अस्वीकार कर दिया और विपक्षी सदस्यों को शून्यकाल में इसका संक्षिप्त रूप से उल्लेख करने की इजाजत दी।

समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह संविधान को अपशब्द कहने की तरह है और इसके निर्माता बी.आर. अंबेडकर का अपमान है।

अग्रवाल ने कहा, यह संविधान को अपशब्द कहने जैसा है। क्या कोई संविधान को अपशब्द कहते हुए मंत्री पद पर रह सकता है? यह बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान है।

सत्तारूढ़ भाजपा ने अग्रवाल द्वारा विवाद में अनावश्यक रूप से अंबेडकर को खींचने पर आपत्ति जताई।

इस बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक भी स्थगित कर दी गई थी।

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