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हिमाचल मंत्रिमंडल में होंगे पुराने और नए चेहरे

शिमला, 25 दिसम्बर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में पुराने और नए चेहरों का मिश्रण होगा, जिसकी अध्यक्षता एक नए और ‘युवा’ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। इस संदर्भ में खुद ठाकुर ने संकेत दिया है।

विधानसभा में भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद संवाददाताओं से अपनी पहली बातचीत में उन्होंने बताया, मंत्रिमंडल में अनुभवी और नए दोनों चेहरे होंगे।

ठाकुर ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था बनाना, वीआईपी संस्कृति से हटकर कार्य करना, पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले तीन महीनों में लिए गए सभी फैसलों की समीक्षा, व्यर्थ व्यय को कम करना और पर्यटन के बुनियादी ढांचे को विकसित करना होगी।

जमीनी स्तर से जुड़े पांच बार के विधायक ठाकुर को उनकी विनम्रता के लिए जाना जाता है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में 27 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। करीब 10 मुख्यमंत्रियों ने समारोह में आने की पुष्टि कर दी है।

नड्डा के विश्वासपात्रों में से एक ठाकुर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में शामिल साथियों के नामों और कैबिनेट मंत्रियों की संख्या के बारे में बोलने से इंकार कर दिया।

उन्होंने इस बारे में प्रतिक्रिया करने से इंकार कर दिया कि उनके कैबिनेट साथी उनके साथ शपथ लेंगे या नहीं।

उनके 11 सदस्यीय मंत्रिमंडल में नए मंत्री, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजीव बिंदल, किशन कपूर, सरवीन चौधरी, मोहिंदर सिंह, कांग्रेस के बागी अनिल शर्मा, नरींद्र ब्रागता और रमेश धवाला हो सकते हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल के नए चेहरों में गोबिंद ठाकुर, विक्रम जरयाल, राकेश पठानिया और राजीव शहजल के होने की संभावना है।

सरवीन चौधरी को अगर चुना जाता है तो वह मंत्रिमंडल में अकेली महिला होंगी।

52 वर्षीय ठाकुर सरकार की अध्यक्षता करने वाले सबसे युवा नेता होंगे। ठाकुर राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और पहाड़ी राज्य में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराते हैं।

मंडी जिले की सेराज सीट से पांचवी दफा विधानसभा चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के चेतराम को शिकस्त दी है।

वह मंडी से आने वाले पहले मुख्यमंत्री होंगे। मंडी, कांगड़ा के बाद हिमाचल का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। इस चुनाव में मंडी की 10 सीटों में से भाजपा ने नौ पर कब्जा किया है।

इससे पहले हिमाचल के मुख्यमंत्री शिमला, कांगड़ा और सिरमौर जिले से रहे हैं।

वह 2007 से 2012 तक प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे।

उन्होंने मंडी शहर के एक कॉलेज से स्नातक और चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की है। ठाकुर ने साधना सिंह से शादी की है, जो पेशे से चिकित्सक हैं।

भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को हराकर सत्ता हासिल की है। भाजपा ने 68 सदस्यीय विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब 44 सीटें हासिल की हैं। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार सीट समेत 21 सीटों पर जीत हासिल की है। इसके साथ ही चुनाव में दो निर्दलीय और मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के एक उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।

नौ नवंबर को हुए चुनाव में धूमल और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के हारने के बाद ठाकुर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे निकलकर आए। चुनाव के नतीजे 18 दिसम्बर को घोषित किए गए थे।

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