आर.के. नगर उपचुनाव से पहले जयललिता के वीडियो पर विवाद
चेन्नई, 20 दिसंबर (आईएएनएस)| तमिलनाडु के राधाकृष्णन नगर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए होने वाले मतदान से एक दिन पहले अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) पार्टी से दरकिनार किए गए टी.टी.वी दिनाकरण गुट ने बुधवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के वीडियो को जारी कर सनसनी मचा दी। वीडियो में जयललिता को अस्पताल के बिस्तर पर दिखाया गया है, जिसके बाद चुनाव आयोग ने टीवी चैनलों को यह क्लिप प्रसारित नहीं करने के लिए कहा। सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने चुनाव आयोग को इस क्लिप को प्रसारित होने से रोकने के लिए कहा। वीडियो क्लिप में जयललिता को प्लास्टिक ग्लास में कुछ पीते हुए दिखाया गया है।
सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि आर. के. नगर विधानसभा उपचुनाव से पहले खास ‘उद्देश्य’ के साथ इस वीडियो को जारी किया गया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
वीडियो से यह पता नहीं चल रहा है कि इसे कब और कहां शूट किया गया था।
मत्स्यपालन मंत्री डी. जयकुमार ने आरोप लगाया कि वीडियो क्लिप को जारी करना शशिकला परिवार द्वारा जयललिता से नजदीकी का फायदा उठाना है।
जयकुमार ने कहा कि वीडियो क्लिप को जयललिता के निधन की जांच के लिए न्यायिक आयोग के समक्ष पेश करना चाहिए। इसे उपचुनाव को ध्यान में रखकर जारी किया गया है।
मंत्री के आरोप को दरकिनार करते हुए दिनाकरण गुट के प्रवक्ता थंगाथामिझसेलवन ने कहा इस वीडियो क्लिप को जारी करने के पीछे कोई उद्देश्य नहीं है।
दिनाकरण यहां निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर एआईएडीएमके के मधुसूदनन, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(डीएमके) के मारुधु गणेश और भाजपा के कारु नागराजन समेत अन्य के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। यह सीट जयललिता के निधन के बाद खाली हुई थी।
इस बीच निर्वाचन अधिकारी प्रवीण नायर ने टेलीविजन चैनलों से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत इस वीडियो क्लिप को प्रसारित नहीं करने का आदेश दिया है।
इस प्रावधान के अंतर्गत चुनाव की पूर्व संध्या पर चुनाव क्षेत्रों में सिनेमाटोग्राफिक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किसी भी सामग्री का प्रदर्शन करने की मनाही है और इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
क्लिप को जारी करने वाले दिनाकरण गुट के निष्कासित विधायक वेट्रिवेल ने कहा कि इस क्लिप का उपचुनाव से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है।
वेट्रिवेल ने पत्रकारों का बताया, इस वीडियो को वी.के.शशिकला ने जयललिता के आईसीयू से अस्पताल के जनरल वार्ड में शिफ्ट करने के बाद बनाया था।
वीडियो में जयललिता अपोलो अस्पताल के एक कमरे में नजर आ रही हैं।
एआईएडीएमके के पूर्व सांसद पलनीस्वामी ने जयललिता के इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, यह अपोलो अस्पताल को स्पष्ट करना है कि क्या इस तरह का कोई कमरा है भी नहीं और इस वीडियो क्लिप में कितनी सच्चाई है।
उन्होंने अस्पताल से स्पष्टीकरण मांगा है कि वह बताए कि क्या यह वीडियो वास्तविक है या नहीं।
पलनीस्वामी ने कहा, वीडियो की सत्यता के बारे में पता लगाना चाहिए। हमार मुद्दा यह है कि 22 सितंबर, 2016 को ऐसा क्या हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस बयान में अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष प्रताप सी. रेड्डी का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि डॉक्टरों को जयललिता की गंभीर हालत के बारे में नहीं बताने को कहा गया था।
बयान में पलनीस्वामी ने मांग की है कि डॉक्टरों को ऐसा करने के निर्देश किसने दिए?
जयललिता को 11 सितंबर, 2016 को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और यहां पांच दिसंबर को उनका निधन हो गया था। अस्पताल ने कहा था कि उन्हें बुखार व शरीर में कम पानी (डिहाइड्रेशन) की समस्या के बाद भर्ती कराया गया था।
रेड्डी ने कहा था कि डॉक्टरों को जयललिता के गंभीर स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं देने के लिए कहा गया था, क्योंकि इससे लोगों की भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो जाता। हालांकि, रेड्डी ने यह नहीं बताया कि उन्हें यह सलाह किसने दी थी।
जयललिता की दोस्त के.सी. गीता ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि वीडियो देखकर लगता है कि यह वीडियो फर्जी है।
इससे पहले, दिनाकरण ने कहा था कि वह अस्पताल में जयललिता से संबंधित वीडियो क्लिप उचित समय पर जारी करेंगे।
इस वीडियो क्लिप पर टिप्पणी करने के लिए अपोलो अस्पताल के अधिकारी मौजूद नहीं थे।