फेरे से पहले ही दुल्हन संग ‘लेटने’ की जिद पर अड़ा दूल्हा
नई दिल्ली। शादी लड़के-लड़की हो पर उनकी शादी में उनके साथ-साथ परिवार वालों को कई रस्मों-रिवाज को निभाना पड़ता है उसका पालन करना पड़ता है। हालांकि किसी भी धर्म में शादी की तमाम रस्मों को निभाने के बाद जब लड़का-लड़की शादी के बंधन में बंध जाते हैं तब उनका मिलन होता है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक अलग ढंग का शादी का मामला सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक जानकारी मिली कि शादी की सारी रस्में निभाई गई लेकिन जब फेरों का वक्त आया तो दूल्हे ने दुल्हन के परिवार वालों के सामने उसके साथ लेटने की मांग कर दी, जिसे सुनहर वहां पर उपस्थित हर कोई अवाक रह गया। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर फेरों से ठीक पहले दूल्हे ने इस तरह की अजीबो-गरीब मांग क्यों की, तो चलिए आप परेशान न हों हम आपको बताते हैं इसके पीछे क्या कारण है।
महाकाल
उज्जैन में हुई ये शादी हर तरफ सुर्खियां में है। इस अनोखी शादी में दूल्हा गुंजन जैन और दुल्हन ओसीन जैन जैसे ही फेरे लेने वाले थे वहां कुछ डॉक्टरों की टीम पहुंच गई। ऐसे में शादी के इस शुभ अवसर पर डॉक्टरों की टीम को वहां देखकर हर कोई हैरान हो गया।
शादी के मंडप में डॉक्टरों के पहुंचते ही दूल्हे ने दुल्हन के परिवार वालों के सामने फेरों से पहले रक्तदान कराने की इच्छा जाहिर कर दी। दूल्हे की इस इच्छा का सम्मान करते हुए दुल्हन और घरातियों-बारातियों ने भी रक्तदान करने का फैसला किया।
सबसे खास बात तो यह रही है कि फेरों से पहले दूल्हा और दुल्हन ने एक ही बेड पर लेटकर रक्तदान किया और इनके बाद एक-एक करके करीब 60 लोगों ने रक्तदान किया।
शायद आपको पता नहीं होगा हम आपको बता दें कि दूल्हा उद्योग विभाग में सहायक संचालक है और उसने आजतक लगभग 34 बार रक्तदान किया है। जब उसकी शादी तय हुई तभी दूल्हे ने यह तय कर लिया था कि वो रक्तदान करके अपनी शादी को कुछ अलग और खास बनाएगा।
दूल्हे ने जब फेरों से ठीक पहले अपनी इस इच्छा को अपने माता-पिता और होने वाली पत्नी से जाहिर किया तो सबने इसपर अपना समर्थन जताया और अपना योगदान भी दिया।
दूल्हे का कहना है कि देश में थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या लाखों में है और उन्हें जीवित रहने के लिए अक्सर खून की जरूरत पड़ती है लेकिन इनकी मदद के लिए बहुत कम लोग ही आगे आते हैं। इसलिए दूल्हा-दुल्हन ने एक ही बिस्तर पर लेटकर रक्तदान किया और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित किया।
दूल्हा-दुल्हन दोनों का मानना है कि रक्तदान महादान है और अगर उनकी इस छोटी सी कोशिश से किसी मासूम बच्चे की जिंदगी बच सकती है तो ये उनके लिए बहुत खुशी की बात है।
बता दें कि जब फेरों से पहले दूल्हे ने दुल्हन के साथ बेड़ पर लेटने की मांग की तो लोग हैरत में पड़ गए लेकिन जब उन्हें इस मांग के पीछे की असली मकसद समझ में आया तो हर किसी ने ना सिर्फ इसका समर्थन किया बल्कि रक्तदान करके इस शादी को यादगार बना दिया।