राष्ट्रीय

‘अस्मिता’ ने पेश किया असगर वजाहत का नाटक

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)| अस्मिता थिएटर ग्रुप ने यहां शनिवार को प्रसिद्ध साहित्यकार असगर वजाहत का लिखा नाटक ‘जिस लाहौर नइं वेख्या, ओ जम्या ही नइं’ प्रस्तुत किया, जिसका निर्देशन अरविंद गौर ने किया।

इस नाटक का आयोजन नाद फाउंडेशन ने किया। लोदी रोड स्थित श्री सत्य साईं ऑडिटोरियम में मंचित इस नाटक में अभिनेता काकोली गौर, राहुल खन्ना, सवेरे गौर, ईश्वर सिंह, अमित रावल, दविंदर कौर, गिरीश पाल और शशांक वर्मा व शिवम भसीन की भागीदारी रही।

नाद फाउंडेशन की मैनेजमेंट ट्रस्टी निशि सिंह ने बताया कि इस नाटक में दिखाया गया है कि देश विभाजन के बाद एक परिवार लखनऊ से लाहौर जाता है। शरणार्थी शिविर में रहने के बाद उसे एक बड़ा मकान दिया जाता है, लेकिन जब वे वहां पहुंचते हैं तो देखते हैं कि उसमें एक बूढ़ी औरत रह रही है। उन्हें लगता है कि जब तक ये रहेगी, मकान उनका नहीं हो सकता। नाटक एक संघर्ष की स्थिति से शुरू होता है।

उन्होंने बताया कि वह बूढ़ी औरत स्वभाव से बड़ी मददगार है और धीरे-धीरे दोनों के बीच एक रिश्ता बनने लगता है। जब शहर के गुंडों को पता चलता है कि बुढ़िया हिंदू है, तो उनकी कोशिश होती है कि उसे निकालें। लेकिन वही साथ वाला परिवार उसे बचाता है। बाद में जब बुढ़िया मरती है तो सवाल उठता है कि इसका क्रिया-कर्म कैसे किया जाए। स्थानीय मौलवी की राय पर उसका अंतिम संस्कार हिंदू रीति से किया जाता है। इसकी प्रतिक्रिया में शहर के गुंडे मौलवी की हत्या कर देते हैं। यह नाटक धार्मिक सहिष्णुता का संदेश देता है।

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