त्रिपुरा में 10 हजार से ज्यादा शिक्षकों को हटाने की अवधि बढ़ी
नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को त्रिपुरा में राज्य सरकार की अपील पर 10,323 सरकारी शिक्षकों को 31 दिसंबर तक हटाने के अपने निर्णय को बदलते हुए इसकी समय सीमा छह माह तक बढ़ा दी।
शिक्षा मंत्री तपन चक्रवर्ती ने यहां मीडिया को बताया, सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षको को हटाने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ा दी है। ये शिक्षक सर्वोच्च न्यायालय की ओर से 29 मार्च को दिए फैसले के अनुसार 31 दिसंबर को अपनी नौकरी गंवा देते।
त्रिपुरा सरकार शिक्षकों को नौकरी से हटाने के निर्णय को एक वर्ष तक बढ़ाने के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय गई थी, लेकिन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने इसे केवल छह माह तक बढ़ाने की इजाजत दी।
सर्वोच्च न्यायालय ने 29 मार्च को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के इन शिक्षकों को हटाने के आदेश को बरकरार रखा था। उच्च न्यायालय ने इन भर्तियों में हुई गड़बड़ी के आधार पर यह आदेश दिया था।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार करते हुए त्रिपुरा सरकार ने मई में शिक्षा विभाग में 12,000 गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की थी।
मंत्री के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने अवमानना याचिका के आधार पर 16 जनवरी तक इस मामले की सुनवाई तक 4 अक्टूबर को अपने आदेश में 12,000 गैर शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी थी।
एक बेरोजगार युवक ने राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने के संबंध में अवमानना याचिका दाखिल की थी।