एनजीटी का स्पष्टीकरण, अमरनाथ श्राइन शांत क्षेत्र नहीं
नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि इसने अमरनाथ गुफा मंदिर को शांत क्षेत्र घोषित नहीं किया था। एनजीटी के मुताबिक सिर्फ बर्फ से बने शिवलिंग के सामने शांति बनी रहनी चाहिए।
जम्मू और कश्मीर राज्य में हिमालय पर स्थित अमरनाथ श्राइन हिंदुओं के पवित्र मंदिरों में शामिल है, जहां हर साल मानसून सीजन में तीर्थयात्रा के मौसम में लाखों तीर्थयात्री बर्फानी बाबा के दर्शन को जाते हैं।
बुधवार को श्राइन को शांत क्षेत्र घोषित करते हुए अधिकरण ने वहां घंटे व जयकारे लगाने पर रोक लगा दी थी।
एनजीटी अध्यक्ष स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता में अधिकरण की पीठ की ओर से दिए गए निर्देशों का मकसद हिमस्सखलन से बचाव, पवित्र गुफा की मूल प्रकृति को बनाए रखना और इलाके की संवेदनशीलता कायम रखना था।
अधिकरण के फैसले का हिंदू धर्म से संबंधित समूहों ने विरोध करते हुए इस कड़ा आदेश करार दिया।
अधिकरण, जिसने सालाना अमरनाथ यात्रा के दौरान पर्यावरण की रक्षा पर विचार करने के लिए 15 नवंबर को एक समिति का गठन किया था, ने अधिकारियों से अगली सुनवाई 18 जनवरी हो होने से पूर्व आदेश को लागू करने को कहा था।
इस साल सालाना तीर्थयात्रा सीजन में 29 जून से 7 अगस्त तक 2.6 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ मंदिर के दर्शन किए थे।
हालांकि 2018 में तीर्थयात्रा की तिथियों की घोषणा अभी होना बाकी है लेकिन अनुमान के तौर पर दो जुलाई से 26 अगस्त के बीच तीर्थयात्री यहां पहुंच सकते हैं।
बेस कैंप से गुफा तक जाने के लिए 200 से ज्यादा सीढ़ियां हैं और तीर्थयात्री प्राय: दो परंपरागत मार्गो का इस्तेमाल करते हैं एक 14 किलोमीटर लंबा है तो दूसरा 45 किलोमीटर। यह मंदिर समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर है।