मोदी जितना हमला करेंगे, कांग्रेस की गुजरात जीत उतनी आसान होगी : गहलोत
अहमदाबाद, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| गुजरात में हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी को कांग्रेस खेमे में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी पार्टी और राहुल गांधी पर और अधिक जुबानी हमले करें, ताकि कांग्रेस की जीत बिल्कुल सुनिश्वित हो जाए।
राज्य में चुनाव प्रचार की बढ़ती सरगर्मी के बीच गहलोत ने मोदी पर ‘झूठ बोलने’ और ‘झूठे वादे’ करने का आरोप लगाया। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि मोदी का पर्दाफाश हो चुका है और लोग अब उनके झांसे में नहीं आएंगे।
गहलोत ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, हम चाहते हैं कि वह हम पर और हमले करें। हम चाहते हैं कि वह हमारे सम्मानित नेताओं की भर्त्सना करें। वह हम पर जितने प्रहार करेंगे, हमें उतना ही ज्यादा लाभ मिलेगा।
गहलोत का दावा है कि गुजरात में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से जीत हासिल करेगी।
उन्होंने शहजाद पूनावाला के संदर्भ में कहा, इस समय हवा कांग्रेस के पक्ष में है। देखिए मोदीजी किस प्रकार कांग्रेस और उसके आंतरिक चुनाव पर भी हमले कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जैसी शख्सियत राहुल को पदोन्नत किए जाने पर हमला कर रहा है और वह भी ऐसे व्यक्ति का नाम लेकर जो कांग्रेस सदस्य ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह साफ दिखाता है कि प्रधानमंत्री और पूरी भाजपा भयभीत है।
उन्होंने कहा, हार के डर से वह चुनावी एजेंडे को अपने विकास मॉडल से भटकाने के लिए कुछ भी अनर्गल कह रहे हैं। वह कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र का मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन सभी जानते हैं कि भाजपा में आरएसएस ही निर्णय लेता है कि कौन प्रधानमंत्री बनेगा, कौन राष्ट्रपति और कौन मुख्यमंत्री। और आप कांग्रेस की बात कर रहे हैं।
गहलोत मोदी के उन आरोपों की बात कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि नेहरू सोमनाथ मंदिर के पुनर्निमाण के पक्ष में नहीं थे और इंदिरा गांधी ने 1979 में माछू बांध बाढ़ आपदा के बाद जब मोरबी का दौरा किया तो वहां की बदबू से बचने के लिए अपनी नाक पर रूमाल रख लिया था।
उन्होंने कहा, ऐसे ही कई अन्य उदाहरण है, जिनसे नई पीढ़ी अनजान है। उन्हें (भाजपा) लोगों को भ्रमित करने की आदत है।
गहलोत ने कहा, वह ये मुद्दे इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि वह बौखला गए हैं। इसकी कौन परवाह करता है? वह चुनाव जीतने के लिए साजिशें रच सकते हैं, लेकिन हमें इसकी परवाह नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि उन्हें हार दिखाई दे रही है। गुजरात के लोग हमारे साथ हैं। राहुल जी को लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिल रहा है।
मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का करिश्मा खत्म हो गया है और उनकी चुनावी रैलियों में भी यह नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा, मोदीजी ने लोगों को वायब्रैंट गुजरात के नाम पर मूर्ख बनाया है। गुजरात के गांवों में जाकर देखिए तब आपको ‘मोदी मॉडल’ के विकास की सच्चाई मालूम होगी। उनका पर्दाफाश हो गया है। उनसे समाज का कौन सा वर्ग खुश है? किसानों से लेकर मजदूरों तक और युवाओं से लेकर व्यापारी वर्ग तक सभी नाखुश हैं। अब गुजरात की जनता उन पर भरोसा नहीं करेगी। वे उनके झांसे में नहीं आएंगे।
उन्होंने कहा, आप इसे जमीनी तौर पर भी देख सकते हैं। पहले उनकी रैलियों में भीड़ ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाती थी। लेकिन अब क्या हो रहा है? कुर्सियां खाली पड़ी रहती हैं। जो उनके नाम की माला जपते थे, वे कहां गए?
उन्होंने कहा, अब उनका ग्राफ नीचे आ रहा है। अब लोगों को उनके (भाजपा) झूठ का पता चल चुका है। वह केवल झूठ बोलते हैं और झूठे वादे करते हैं। लोगों को आज भी काला धन वापस लाने, हर साल दो करोड़ नौकरियों के सृजन और उनके बैंक खातों में 15 लाख रुपये आने के वादे याद हैं।
गुजरात के प्रभारी कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राहुल को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने का देश की राजनीति पर सकारात्मक असर होगा और उनके नेतृत्व में युवा आगे आएंगे।
उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में युवा पीढ़ी आगे आएगी। हम भी युवा थे। मैं 28 साल की उम्र में सांसद बना था और फिर पीसीसी अध्यक्ष, महासचिव, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री बना। आज एआईसीसी में चार महासचिव हैं, जो इंदिरा गांधी के शासनकाल में युवा थे। यह कांग्रेस की विशेषता है कि वह नई पीढ़ी को अवसर देती है।
गहलोत ने कहा, राहुलजी भी ऐसा ही करेंगे। वह वरिष्ठ नेताओं के अनुभव से लाभ लेंगे और युवाओं को लेकर आगे बढ़ेंगे।
गहलोत ने भाजपा को ‘कपटी’ करार देते हुए कहा कि वे गांधीजी को गले लगा रहे हैं, जिनकी उन्होंने हत्या कर दी थी।
उन्होंने कहा, सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और अब वे उन पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार जता रहे हैं। जनसंघ से लेकर जनता पार्टी और अब भाजपा तक अपनी पूरी यात्रा में लोगों द्वारा अपमानित किए जाने के बाद अब वे कांग्रेस के नाम पर बंटवारे की राजनीति कर रहे हैं।