वैश्विक प्रवजन समझौते से अमेरिका के निकलने पर संरा महासभा अध्यक्ष ने खेद जताया
संयुक्त राष्ट्र, 4 दिसम्बर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिरोस्लाव लैजकेक ने वैश्विक प्रवजन समझौते से निकलने के अमेरिका के निर्णय पर रविवार को खेद व्यक्त किया, जो संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में एक सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवजन प्रक्रिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र स्थित अमेरिकी मिशन की तरफ से जारी बयान के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस प्रवजन प्रक्रिया में अपनी भागीदारी समाप्त करने के बारे में सूचित किया गया है।
लैजकेक ने अमेरिका के फैसले पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि कोई भी देश अकेले अंतर्राष्ट्रीय प्रवजन को संभाल नहीं सकता है।
रपट में लैजकेक के प्रवक्ता ब्रेंडेन वर्मा के हवाले से कहा गया है, 2016 में शरणार्थियों और प्रवासियों से संबंधित न्यूयॉर्क घोषणा-पत्र में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों ने स्वीकार किया था कि कोई भी देश अपनी तरफ से अंतर्राष्ट्रीय प्रवजन का प्रबंधन नहीं कर सकता। इसके लिए सदस्य देशों ने 2018 में एक वैश्विक समझौते को स्वीकृति देने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति जताई थी।
रपट के अनुसार, इस प्रक्रिया में अमेरिका की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका का उदारतापूर्वक समूचे विश्व के लोगों का स्वागत करने का इतिहास रहा है और वह दुनिया के सर्वाधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों का घर है।
लैजकेक ने कहा कि प्रवजन एक वैश्विक प्रक्रिया है, जो वैश्विक प्रतिक्रिया की मांग करता है और बहुलवाद वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने का सबसे अच्छा तरीका है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की वापसी के बावजूद संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक प्रवजन समझौते के माध्यम से पूरे विश्व के लाखों लोगों के जीवन में सुधार करने केइस मौके को नहीं गंवाना चाहिए।
ओबामा प्रशासन के शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए न्यूयॉर्क घोषणापत्र में शामिल होने के निर्णय के बाद इस समझौते में अमेरिका की भागीदारी 2016 में हुई थी।