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आतंकवाद वैश्विक खतरा, निपटने के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी : मोदी

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा बन गया है और रोजमर्रा की चीज बनता जा रहा है।

मोदी ने आतंकवाद को हराने के लिए सभी मानवीय शक्तियों से प्रयास करने का आह्वान किया। अपने 38वें ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन सहित कई मुद्दों पर बात की और 2022 में देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक किसानों से यूरिया के उपयोग को आधा करने का आह्वान किया।

मोदी ने अपने मासिक संबोधन में कहा कि 2018 को अच्छे और सकारात्मक विचारों के साथ शुरू किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने लोगों से अपने पांच सकारात्मक अनुभवों को साझा करने का आग्रह किया। लोग अपना अनुभव नरेंद्र मोदी एप या माईगोव पोर्टल पर हैशटैग पॉजिटिव इंडिया के साथ साझा कर सकते हैं।

7 दिसंबर को सशस्त्र बल ध्वज दिवस का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों के कर्मियों की वीरता के अनुभव और कृत्यों को पड़ोसियों और परिचितों द्वारा हैशटैग आर्म्डफोर्सेजफ्लैगडे पर पोस्ट किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारतीय संविधान देश में लोकतंत्र की आत्मा है।

उन्होंने कहा, संविधान के निर्माताओं की सोच के प्रकाश में एक नया भारत बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमारे संविधान में सभी शामिल हैं। संविधान में शायद ही कोई क्षेत्र हो, प्रकृति का कोई पहलू हो, जो अछूता रह गया हो।

मोदी ने कहा कि सभी के प्रति समानता और संवेदनशीलता संविधान की विशिष्ट विशेषता है।

उन्होंने कहा, संविधान प्रत्येक नागरिक को मौलिक अधिकार की गारंटी देता है। यह उनके मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करता है और हितों का संरक्षण करता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम संविधान का पूरी तरह से पालन करें।

मोदी ने कहा, नागरिकों और प्रशासकों को समान रूप से हमारे संविधान की भावना के अनुसार आगे बढ़ना चाहिए। हमारा संविधान बताता है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस है, लेकिन आतंकवादियों ने नौ साल पहले इसी दिन मुंबई पर हमला किया था।

मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले दुनिया भर में कई लोग आतंकवाद को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन अब आतंकवाद उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। अब दुनिया की सभी सरकारें, जो मानवता में विश्वास करती हैं, सरकारें जो लोकतंत्र में विश्वास रखती हैं, आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक मानती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद सामाजिक तानेबाने को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, आतंकवाद का झुकाव मानवीय शक्तियों को नष्ट करने की तरफ है। इसलिए न केवल भारत बल्कि सभी मानवीय शक्तियों को एकजुट रूप से आतंकवाद के खतरे को हराने के लिए लड़ना होगा।

मोदी ने ईद-ए-मिलाद (पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्मदिन) पर लोगों को बधाई दी और आशा जाहिर की है कि इस अवसर से शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए नई प्रेरणा मिलेगी।

उन्होंने भीमराव अम्बेडकर और और सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद किया जिनकी पुण्यतिथि क्रमश: 6 दिसंबर और 15 दिसंबर को है।

प्रधानमंत्री ने कहा, संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष अंबेडकर ने समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण को सुनिश्चित किया और देश के पहले गृह मंत्री पटेल ने स्वतंत्रता के बाद भारत को एक राष्ट्र के रूप में एकजुट करने का असाधारण कार्य किया।

मोदी ने 4 दिसंबर को नौसेना दिवस पर नौसैनिक कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि चोल नौसेना को अपने समय में सबसे मजबूत माना जाता था और बड़ी संख्या में महिलाओं ने इसमें प्रमुख भूमिका निभायी थी।

उन्होंने छत्रपति शिवाजी की नौसेना का भी उल्लेख किया और कहा कि कान्होजी आंग्रे मराठों की नौसेना को नई ऊंचाइयों पर ले गए थे।

मोदी ने 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस का उल्लेख किया और हिमाचल प्रदेश के टोहु गांव के किसानों द्वारा उचित मिट्टी परीक्षणों और बायोनियोट्रियेंट के उचित उपयोग के कारण परिवर्तन के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं।

एक मां और पुत्र के संबंध के तौर पर किसान-मिट्टी के संबंधों के बारे में बताते हुए मोदी ने कहा, क्या हमारे किसान, हमारी धरती के बेटे, यह तय करते हैं कि 2022 तक वे यूरिया का इस्तेमाल वर्तमान में उपयोग से घटाकर आधा कर लेंगे?

जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, एक समय था जब सर्दियां दीवाली से पहले आती थीं। अब दिसंबर हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है, फिर भी सर्दी एक धीमी गति से आगे बढ़ रही है।

मोदी ने मध्य प्रदेश के एक आठ वर्षीय मूक बधिर लड़के तुषार के अपने गांव को खुले में शौच-मुक्त बनाने का प्रयासों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय पैरा-स्विमिंग प्रतियोगिता में 11 पदक जीतने के लिए गुजरात के 19 वर्षीय जिगर ठक्कर की प्रशंसा की। जिगर की 80 प्रतिशत मांसपेशियां समस्या से ग्रस्त हैं।

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