गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम के इस्तेमाल से ऐसे मिलेगा छुटकारा, सेक्स में भी आएगा असली मजा
संतान की चाह न रखने वाले कपल्स आमतौर पर मौजमस्ती के लिए कंडोम और कंट्रासेप्टिव पिल्स का सहारा लेते हैं, लेकिन मर्द की यह शिकायत रहती है कि कंडोम के प्रयोग से यौन सुख में कुछ कमी रह जाती है। वहीं, महिला को अनचाहे गर्भधारण से रोकने वाली कंट्रासेप्टिव गोलियां साइड इफेक्ट की नई परेशानियां लेकर आती हैं। ऐसे में अब
वैज्ञानिकों ने कंडोम या हार्मोन से बनी गर्भनिरोधक गोलियों से छुटकारा पाने का नया तरीका ढूंढ़ निकाला है। अब लोग जल्द ही मॉलिक्यूलर कंडोम (आणविक कंडोम) का इस्तेमाल करेंगे। इससे कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स खाने से तो छुटकारा मिलेगा ही उससे होने वाले साइड इफेक्ट से भी निजात मिल सकेगी।
वैज्ञानिक इस मॉलिक्यूलर कंडोम में चीन की परंपरागत औषधि में पाए जाने वाले रसायनों का इस्तेमाल कर अगली पीढ़ी के लिए ‘आणविक कंडोम’ तैयार करेंगे, जो आज के हार्मोन-आधारित गर्भ निरोधकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प होगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इसके लिए दो तरह के प्लांट थंडर गोड वाइन और एलोवेरा से रसायन निकाले जाएंगे। इसका असर कम होता है पर, अंडे (एग) या शुक्राणु (स्पर्म) पर बिना कोई प्रतिकूल असर डाले उसे फर्टिलाइज होने से रोकता है। ये केमिकल्स स्पर्म को आगे बढ़ने से रोकते हैं, जो आमतौर पर अंडे के आसपास की कोशिकाओं से निकलकर त हार्मोन प्रोजेस्टेरोन से उत्तेजित होता है।
अमेरिका के बर्कले स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (यूसी) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह रसायन एक आपातकालीन गर्भ निरोधक के रूप में काम कर सकता है। इसका इस्तेमाल यौन संबंध बनाने से पहले या बाद में भी किया जा सकता है। इसे स्किन पर पिच कराके या महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में लगाकर स्थायी रूप से गर्भनिरोधक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आमतौर पर ह्यूमन स्पर्म मैच्योर होने में महिला जननांगों में प्रवेश करने के समय से लेकर करीब पांच-छह घंटे तक का वक्त ले लेता है। यानी महिला के पास इतना पर्याप्त समय होता है कि जब वो इस केमिकल को गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। इस तरह वह अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकती है।
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