हिरासत में मौत मामले में 8 के खिलाफ आरोप पत्र दायर
शिमला, 25 नवंबर (आईएएनएस)| सीबीआई ने शनिवार को एक स्थानीय अदालत में महानिरीक्षक जाहुर एच. जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इन सब पर शिमला जिले में एक स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के सनसनीखेज मामले के एक आरोपी की हिरासत में मौत होने के बाद मामला दर्ज किया गया था। इन सभी को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
इस 500 पन्नों के आरोप पत्र में दुष्कर्म के चार अभियुक्तों समेत 50 से ज्यादा गवाहों के साक्ष्यों को दर्शाया गया है।
पुलिस अधीक्षक डी.डब्ल्यू. नेगी हिरासत में मौत के मामले में नौवें अभियुक्त हैं जिन्हें 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। इन सबको 7 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, डी.डब्ल्यू. नेगी के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद अदालत में एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
सामूहिक दुष्कर्म और हिरासत में मौत दोनों मामलों की उच्च न्यायालय द्वारा निगरानी की जा रही है। न्यायालय ने सीबीआई को 30 नवंबर तक आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पुलिस का कहना है कि अभियुक्त ने चार जुलाई को 16 वर्षीय पीड़िता को एक वाहन में लिफ्ट की पेशकश की थी। लड़की उस वक्त कोटखाई में स्कूल से अपने घर लौट रही थी। कोटखाई शहर शिमला से 56 किलोमीटर दूर है।
रास्ते में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जंगल में उसकी हत्या कर दी। दो दिन बाद लड़की का शव नग्न हालत में मिला। शव पर चोट के निशान थे।
मामले में गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य आरोपी राजिंदर सिंह, आशीष चौहान, सुभाष बिष्ट, दीपक कुमार, सूरज सिंह और लोकजन शामिल हैं। राजिंदर ने ही लड़की को लिफ्ट की पेशकश की थी। माना जा रहा है कि अपराध करते वक्त वे नशे में थे। वर्तमान में सभी अभियुक्त जमानत पर बाहर हैं।
इस मामले में 19 जुलाई को एक नया मोड़ तब आया, जब राजिंदर सिंह ने कथित रूप से पुलिस हवालात में अपने साथी सूरज सिंह की हत्या कर दी।
सीबीआई के मामले को संभालने से पहले महानिरीक्षक जैदी विशेष जांच दल की अध्यक्षता कर रहे थे। यही दल सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले की जांच भी कर रहा था।
उस वक्त नेगी बतौर पुलिस अधीक्षक शिमला में तैनात थे। जहां दोनों घटनाएं घटी।