मुक्केबाजी : ज्योति, शशि, अंकुशिता यूथ विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में
गुवाहाटी, 24 नवंबर (आईएएनएस)| भारत की ज्योति (फ्लाइवेट), शशि चोपड़ा (फीदरवेट) और लोकल स्टार अंकुशिता बोरो (लाइटवेट) ने शुक्रवार को यहां जारी एआईबीए महिला युवा विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है।
तीनों भारतीय मुक्केबाजों ने आसान जीत के साथ अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। इन खिलाड़ियों ने अपने शानदार खेल की बदौलत यहां पहुंचे सैकड़ों दर्शकों का जमकर मनोरंजन किया।
भारत के हाई परफॉर्मेस डाइरेक्टर राफेल बेर्गामास्को द्वारा फाइनल मुकाबले से एक दिन पहले किया गया ‘शैडो बॉक्सिंग ड्रिल’ भारतीय खिलाड़ियों के खूब काम आया।
राफेल लगातार अपनी मुक्केबाजों से कहते रहे, जैब, साइड स्टेप, हुक टू द फेस, जैस, अनलीश द 1-2 टू द मिडरिफ, डक, मूव टू द राइट, थ्रो ए स्ट्रेट पंच फ्राम द शोल्डर, देन मूव अवे। नेवर कीप बैकिंग अप।
शुक्रवार को भारतीय लड़कियों ने अपने हाई परफार्मेस निदेशक के शब्दों को पूरी तरह याद रखा और शानदार तरीके से विजयी बनकर सामने आईं।
ज्योति अपनी प्रतिद्वंद्वी झानसाया अबग्रायमोवा के खिलाफ दूर से ही लड़ीं। इससे काफी आक्रामक खेल के लिए मशहूर कजाकिस्तान की यह मुक्केबाज काफी परेशान नजर आई। जैसी ही उन्होंने चार्ज करना चाहा, ज्योति किनारे हो गईं और लेफ्ट जैब का उपयोग कर टू पंच, थ्री पंच काम्बो का प्रयोग किया। इससे उन्हें आसानी से बढ़त मिल गई।
दूसरे राउंड में हालांकि ज्योति थोड़ी लचर नजर आईं। इससे उनकी प्रतिद्वंद्वी को वापसी का मौका मिल गया। तीसरे राउंड में हालांकि ज्योति ने जीत की भूख के साथ वापसी की। वह लगातार हमले करती रहीं और अपने अटैक को लगातार मिक्स करती रहीं। उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी पर लेफ्ट जैब र शॉर्ट ब्रस्र्ट्स का प्रयोग किया और कुछ मौकों पर झानसाया के चेहरे पर भी प्रहार किया। कजाक लड़की ने भी ज्योति के खिलाफ अपने सारे अनुभव का प्रयोग किया लेकिन अंतत: वह हार मानने को मजबूर हुईं।
फीदरवेट कटेगरी में शशि ने मंगोलिया की नामुन मोंखोर को हराया। इस भारतीय खिलाड़ी ने मंगोलियाई मुक्केबाज के चेहरे और शरीर पर कई जोरदार हमले किए। दूसरे राउंड में वह बेहद खतरनाक नजर आईं। उन्होंने नामुन के चेहरे पर जोरदार हमले किए और रेफरी को स्टैंडिंग काउंट को मजबूर किया। तीसरे राउंड में शशि ने स्ट्रेट पंचिंग का मुजायरा पेश किया और अपनी प्रतिद्वंद्वी को पीछे हटने पर मजबूर किया।
अंकुशिता ने हालांकि थाईलैंड की थानचनोक साकश्री के खिलाफ धीमी शुरुआत की लेकनि जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा वह लय हासिल करती चली गईं। इसके बाद वह धीमे-धीमे आक्रामक हुईं और चेहरे तथा शरीर को निशाना बनाकर पुरजोर हमले किए। तीसरे राउंड में अंकुशिता ने अपने फन का लोहा मनवाया और मुकाबला अपने नाम किया।
मैच के बाद अंकुशिता ने कहा, मेरे लिए यह मुकाबला काफी आसान रहा। मेरी ऊंचाई अच्छी थी और इसी कारण मुझे स्कोर करने में आसानी हुई।
सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की चौथी खिलाड़ी नेहा यादव को हालांकि हार मिली। नेहा को हेवीवेट कटेगरी में कजाकिस्तान की दिना इस्लामबेकोवा ने हराया। कजाक मुक्केबाज युवा नेहा पर भारी पड़ी लेकिन नेहा ने भी काफी संघर्ष किया। वैसे वह अपनी प्रतिद्वंद्वि का जमकर मुकाबला नहीं कर सकीं।