राजस्थान : अदालत ने एक दशक पुराने बाल विवाह को किया रद्द
जोधपुर, 23 नवंबर (आईएएनएस)| राजस्थान के एक पारिवारिक न्यायालय ने गुरुवार को एक ऐसे बाल विवाह को रद्द किया जो आज से चौदह साल पहले हुआ था। उस समय लड़की की उम्र तीन साल की थी। लड़की अब 17 साल की हो चुकी है। एनजीओ सारथी ट्रस्ट की संस्थापक कीर्ति भारती के समर्थन से 17 वर्षीय किशोरी ने 2003 में हुई शादी को रद्द कराने के लिए कानून जंग लड़ी।
भारती, एक पुनर्वास मनोवैज्ञानिक भी हैं जिन्होंने लड़की को हिम्मत देने में मदद की और जोधपुर के फैमिली कोर्ट-1 में शादी को रद्द करने की मांग का अनुरोध किया।
न्यायधीश रेखा भार्गव ने शादी को रद्द करने का फैसला जारी किया। यह फैसला दोनों पक्षों की आपसी समझौते से हुआ।
पीड़िता ने एक बयान में कहा, कीर्ति दीदी की मदद से मेरा बाल विवाह समाप्त हुआ। अब मैं अपना भविष्य बनाने के लिए पढूंगी।
लड़की जोधपुर के सनथला क्षेत्र की निवासी है। उसकी शादी 2003 में हुई थी जब समुदाय के लोगों ने उसके दिवगंत पिता पर प्रतापनगर के एक युवक से शादी कराने के लिए दबाव डाला था।
उसके ससुराल पक्ष के लोग और रिश्तेदार उसकी मां पर बेटी को पति के परिवार के साथ रहने के लिए वहां भेजने का दबाव डाल रहे थे।
भारती की मदद से लड़की ने शादी को रद्द कराने के लिए जून में फैमिली कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। भारती याचिकाकर्ता की तरफ से अदालत में पेश हुईं और लड़की की आयु से संबंधित दस्तावेज को प्रस्तुत किया और बताया की शादी जबरन करवाई गई थी।
इस बीच, भारती ने लड़की के ससुराल वालों को भी सलाह दी, जिसके बाद उसके ससुराल वालों ने शादी को रद्द करने पर सहमति व्यक्त की।
भारती एक अनूठे आंदोलन से जुड़ी हुई हैं और अब तक 34 बाल विवाहों को रद्द कराने में सफल रही हैं। साथ ही भारती ने अब तक एक हजार से अधिक बाल विवाह को रोका है।
भारती ने कहा, उसकी (पीड़ित) पढ़ाई फिर से शुरू होगी, जो पिछले कई साल से मानसिक दबाव के कारण बंद हो गई थी। उसका विवाह रद्द होने के बाद अब उसके पुनर्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।