VIDEO : पद्मावती विवाद में आज़म भी कूदे,बोले-तमाम राजा और नवाब अंग्रेजों के दलाल थे
लखनऊ। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ राज्यों में तो फिल्म बैन भी हो गई है। अब इसी कड़ी में सपा के कद्दावर नेता आजम खान के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि जो कल तक अंग्रेजों के बस्ते उठाते थे। आज वही एक फिल्म का विरोध कर रहे हैं। हिंदुस्तान के तमाम राजा और नवाब अंग्रेजों के दलाल थे। उन्होंने विवादित शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि आखिर ये कैसे राजा हैं जो नाचने वाली से डर गए।
उन्होंने मुगल-ए-आजम फिल्म का एक उदाहरण देते हुए कहा, “अनारकली को सलीम की महबूबा बताया गया, जबकि इतिहास से इसका कोई वास्ता नहीं है। बाप से बेटे का मैदान-ए-जंग में मुकाबला हुआ इसका भी इतिहास से कोई लेना-देना नहीं। इस फिल्म पर किसी मुसलमान ने ऐतराज नहीं किया क्योंकि मुसलमान का दिल इतना छोटा नहीं है कि उनके इतिहास को एक फिल्म खराब कर सके।
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी साफ़-साफ़ कह दिया है कि जितना गलत इस फिल्म को लेकर प्रदर्शन करने वाले और लोगों का सिर काटने की धमकी देने वाले लोग हैं उतनी ही गलती संजय लीला भंसाली की भी है।
योगी ने कहा कि मुझे लगता है कि धमकी देने वाले दोषी हैं तो भंसाली भी कम दोषी नहीं हैं, जो जनभावनाओं से खिलवाड़ करने के आदी बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मसले पर उपद्रवी प्रदर्शनकारियों और फिल्म निर्माताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
योगी ने आगे कहा कि उन्होंने पहले ही इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। कल सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में स्थिति स्पष्ट कर दी है। अब सेंसर बोर्ड को इस बारे में निर्णय लेना है कि हम लोगों को जो कुछ कहना था वह हमने सेंसर बोर्ड को पहले ही लिख कर भेज दिया है।
हमारी जो भी आपत्तियां और सुझाव थे हमने सूचना प्रसारण मंत्रालय को सबसे पहले करा चुके हैं। हमारी भावनाओं को और प्रदेश की 22 करोड़ जनता की भावनाओं को सभी लोग जान गए हैं। किसी को भी जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।