एनआईए ने कानपुर प्रधानाचार्य हत्याकांड की जांच संभाली
नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कानपुर स्थित जूनियर हाईस्कूल के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य रमेश बाबू शुक्ला की हत्या के मामले की जांच को अपने हाथ में ले लिया है। रमेश बाबू की अज्ञात लोगों ने बीते साल हत्या कर दी थी। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने रविवार को प्राथमिकी दर्ज की और उत्तर प्रदेश पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया। एजेंसी ने ऐसा गृह मंत्रालय के 17 नवंबर के आदेश के बाद किया। एनआईए ने हत्या के करीब साल भर बाद मामले को अपने हाथों में लिया है।
एनआईए ने मामले को फिर से दर्ज किया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 अक्टूबर, 2016 को भारतीय दंड संहिता की हत्या की धारा व गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
रमेश बाबू शुक्ला स्वामी आत्माप्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल कानपुर के प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी 24 अक्टूबर 2016 को अज्ञात व्यक्तियों ने रात के करीब 12.30 बजे कानपुर में गांव पिवाडी के निकट हत्या कर दी थी। वह साइकिल से अपने घर लौट रहे थे।
जांच में यह सामने आया कि हो सकता है कि शुक्ला की हत्या भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन विस्फोट मामले के चार आरोपियों द्वारा की गई हो। इसके बाद राज्य सरकार ने भी मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी।
एनआईए के एक अधिकारी ने एजेंसी की लखनऊ इकाई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने की पुष्टि की है और कहा है कि ट्रेन विस्फोट के आरोपियों ने इस हत्या में अपने शामिल होने की बात कबूली है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस साल की शुरुआत में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन के विस्फोट के बाद दो व्यक्तियों आतिफ मुजफ्फर व मोहम्मद दानिश को गिरफ्तार किया था। उनका साथी फैसल खान हत्या के समय उनके साथ था।
पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फर ने बताया था कि वे तीनों एक पिस्तौल का परीक्षण कर रहे थे। इसी में अचानक दुर्घटनावश चली गोली शुक्ला को लग गई। पुलिस का कहना है कि बैलिस्टिक टेस्ट में इसकी पुष्टि हुई।
ट्रेन विस्फोट कांड की जांच करने वाली एनआईए ने मुजफ्फर और दानिश पर चार्जशीट फाइल की है और आरोप लगाया है कि इन्हीं दोनों ने शुक्ला की हत्या की।